ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला जज अजय कुमार विश्वेश की अदालत ने हिन्दू पक्ष की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण की मांग को खारिज कर दिया। न्यायालय के अनुसार ज्ञानवापी परिसर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सील किया गया है। लोगों की जनभावना जुड़ी है। कोर्ट कमिश्नर के सर्वे में 16 मई को परिसर में शिवलिंग की बात सामने आई थी। इसलिए शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया गया था। ऐसे में कार्बन डेटिंग या कोई भी परीक्षण करने से शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो सकता है।
जिला न्यायालय से इस पर कोई भी आदेश देना, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा। पुरातात्विक सर्वेक्षण का निर्देश दिया जाना उचित नहीं होगा। हिन्दू पक्ष की वादिनी राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया कि कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण की मांग को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। वहीं, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। आज के ऑर्डर को हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।
दरअसल, 16 मई को ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के मुद्दे पर चार वादी महिलाओं ने बिना क्षति पहुंचाए कार्बन डेटिंग की मांग की थी। वहीं इस मामले में जवाब देने के लिए अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने कोर्ट से समय मांगा था। बाद में मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि कार्बन डेटिंग नहीं की जानी चाहिए। यह शिवलिंग नहीं एक फव्वारा है, इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं, कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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