उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन्य प्राणि सप्ताह 2022 के अवसर पर अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में तेंदुए के 2 मादा शावकों को अपने हाथों से दूध पिलाकर उनका नामकरण किया है। उन्होंने एक का नाम भवानी और दूसरे का नाम चंडी रखा है। इस अवसर पर सीएम योगी ने गंगा डॉल्फिन संबंधी पोस्टर रिलीज किया, साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के जलीय जीवों पर डाक विभाग के स्पेशल कवर का भी अनावरण किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, कि विजयादशमी का पर्व सभी लोगों के जीवन मे समृद्धि और खुशहाली लाता है। रामराज की भावना के अनुरूप मानव कल्याण के साथ प्रत्येक प्राणी की रक्षा व संरक्षण में सभी को अपना योगदान देना चाहिए। इसकी प्रेरणा हमें रामायण से भी मिलती है। रामायण की गाथा में अरण्य काण्ड जीव-जन्तुओं के संरक्षण, प्रकृति के प्रति दायित्वों जीवों के प्रति व्यवहार की सीख देता है। उन्होंने कहा, कि अरण्य काण्ड में एक प्रकार से पूरी भारतीय ज्ञान सम्पदा समाहित है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामचरित मानस की पंक्तियां ”हित अनहित पसु पच्छिउ जाना, मानुष तनु गुन ग्यान निधाना” का उल्लेख करते हुए कहा, कि कौन हितैषी है, और कौन हानि, पहुंचाने वाला पशुओं में इसका स्पन्दन होता है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, वन में माता सीता व अपने अनुज लक्ष्मण के साथ ही गए थे, लेकिन वनवास काल में उनकी मदद वनवासियों, भालू, वानर, गिद्ध यहां तक कि पेड़-पौधों व जंगल के नदी-नालों ने भी की थी। उन्होंने कहा, कि मनुष्य भी तभी संरक्षित रहेगा, जब वह प्रकृति के प्रति और जीव-जन्तुओं के संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग रहेगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने वन्यजीव संरक्षण तथा ईको टूरिज्म को लेकर प्रदेश सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए, कहा कि लखनऊ में प्रदेश की पहली नाइट सफारी शुरू करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इससे ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा साथ ही वन्यजीवों के प्रति सम्मान की भावना जागृत होगी, बच्चों का भी मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानवर्धन होगा।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा, कि चित्रकूट के रानीपुर में टाइगर रिजर्व बनाए जाने की भी घोषणा हो चुकी है। क्योंकि, भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल का सर्वाधिक समय चित्रकूट में ही व्यतीत किया था। वहीं प्रदेश सरकार बिजनौर के पास अमानगढ़ को बहुत जल्द ईको टूरिज्म के केन्द्र के रूप में विकसित करने जा रही है। साथ ही राज्य सरकार वन्यजीवों के लिए महराजगंज, मेरठ, चित्रकूट, पीलीभीत में रेस्क्यू सेंटर बना रही है। इतना ही नहीं महराजगंज के सोहगीबरवा क्षेत्र में गिद्ध संरक्षण केन्द्र भी बनाया जा रहा है। इस बीच उन्होंने यह भी कहा, कि वन्यजीवों से होने वाली हानि को सरकार ने आपदा की श्रेणी में रखा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, कि सरकार जलीय जीवों के संरक्षण को लेकर भी संवेदनशील है। नमामि गंगे परियोजना से इसमें काफी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा, कि कानपुर में पहले गंगा नदी में प्रतिदिन 14 करोड़ लीटर सीवर गिरता था, लेकिन अब नमामि गंगे परियोजना के कार्यों से एक बूंद भी सीवर नहीं गिरता है। अब सीवर गिरने वाला स्थान सेल्फी प्वॉइंट बन चुका है। उन्होंने कहा कि इसी तरह जाजमऊ में चमड़ा उद्योग का कचरा गिरने से जलीय जीव प्रायः समाप्त हो गए थे। लेकिन, वहां अब जलीय जीवों को पुनर्जीवन मिला है, और बड़ी संख्या में जलीय जीव नदी में दिखने लगे हैं, इतना ही नहीं उन्होंने कहा, कि प्रदेश सरकार डॉल्फिन संरक्षण के लिए भी हर सम्भव कदम उठाएगी।
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