ऋषिकेश, अंकिता भंडारी हत्याकांड मामला अभी सुर्खियों में है इसी बीच पौड़ी गढ़वाल के थाना लक्ष्मण झूला के अंतर्गत कुंनाऊ गांव में संचालित हो रहे एक कॉल सेंटर में पिछले 27 दिनों से बंधक बनाए गए असम के दो युवक और एक युवती ने कॉल सेंटर के मालिकों से बुधवार की सुबह छुटने के बाद ऋषिकेश कोतवाली पुलिस की शरण में पहुंचकर अपनी व्यथा सुनाई है।
पीड़ितो का आरोप है कि कॉल सेंटर संचालक ने इन तीनों को जबरन अपने यहां रोक रखा था। कॉल सेंटर संचालक भी यहां से फरार हो गए। पुलिस कॉल सेंटर से भागे युवती और युवकों से पूछताछ कर रही है। उन्होंने बताया कि कॉल सेंटर को गौरव नाम का व्यक्ति संचालित करता था जो आवास विकास कालोनी ऋषिकेश में रहता है। मूल रूप से वह आगरा का रहने वाला है। उसके साथ में तीन सहयोगी वसीम, गुलाम और मुस्कान रहते थे। जब से वह यहां काम करने आए हैं तब से उन्हें यहां से बाहर नहीं जाने दिया जाता था। बुधवार की सुबह वह मौका देखकर यहां से भाग निकले। बैराज में पहुंचते ही कॉल सेंटर संचालक गौरव नामक व्यक्ति ने एक युवक अरूप कुमार का मोबाइल गंगा में फेंक दिया। यहां काम करने वाले तीनों लोग असम के निवासी हैं। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला इंटरनेशनल कॉल सेंटर से जुड़ा है। कुनाऊ गांव में इन्होंने आजाद अली पुत्र अलीबाग के दो कमरों का भवन किराए पर लिया था। जिसमें यह कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। कॉल सेंटर से निकले व्यक्तियों के नाम अरूप कुमार पुत्र चितरंजन, लिंडा और रिचर्ड सभी निवासी रामपुर असम बताये जा रहे हैं। बताया गया कि ऋषिकेश से सटे कुनाव गांव में एक आजाद अली नाम के व्यक्ति ने अपना मकान वसीम गुलाम और गौरव को किराए पर दे रखा था, जहां पर वसीम, गुलाम ,गौरव और एक लड़की मुस्कान द्वारा एक इंटरनेशनल कॉल सेंटर सेंसोफेक्स नाम से चला रखा था,जिसमें यह लोग अमेरिका में लोगों को कॉल सेंटर द्वारा कुछ साइबर क्राइम जैसा कार्य करा रहे थे।
यह लोग ऑनलाइन माध्यम से लड़के और लड़कियों को नौकरी के बहाने यहां बुलाते थे ।जिसमें एक लड़का आरूप पुत्र चितरंजन उम्र 28 वर्ष ,लिंडा उम्र 32 वर्ष रिचर्ड उम्र 32 वर्ष को असम से 08 सितंबर को अपने खर्चे पर फ्लाइट द्वारा यहां पर बुलाया गया।
कॉल सेंटर के मालिक गौरव द्वारा इन तीनो को यहां पर बंधक बना रखा था विरोध करने पर गौरव द्वारा इनसे असम से ऋषिकेश फ्लाइट द्वारा लाने व रहने खाने पर किए गए करीब ₹100000 खर्च की मांग कर रहे थे। जिसको ना देने पर आरूप के मोबाइल फोन को गौरव द्वारा गंगा में फेंक दिया गया। एक जुबेर नाम के व्यक्ति द्वारा दूसरा मकान जो कि किराए पर दे रखा था इन लोगों को कॉल सेंटर का भी पता चला है। अभी पुलिस की शरण में पहुंचे युवती सहित तीनो लोगों से पुलिस द्वारा पूछताछ की जा रही है। ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि सैनी का कहना था कि यह मामला लक्ष्मण झूला थाना क्षेत्र का है पूछताछ किए जाने के बाद इन्हें लक्ष्मण झूला पुलिस को सौंप दिया जाएगा जो कि आगे की जांच करेंगे।
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