नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) और महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस ) को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की ओर से औरंगाबाद में बंद गोदामों में आतंकी ट्रेनिंग कैंप चलाए जाने की महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
जांच एजेंसियों ने पीएफआई के मुख्य मोहरे अब्दुल हादी अब्दुल रऊफ के पास से 19 पन्ने का हस्तलिखित पत्र जब्त किया है। जिसमें धन संग्रह करने के साथ 2047 तक विशेष मुहिम चलाकर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए काम करने, मदरसों में बच्चों का माइंडवॉश करने तथा उन्हें जिहादी ट्रेनिंग देने, ट्रस्ट बनाकर काम करने आदि का उल्लेख किया गया है। पत्र के आधार पर जांच एजेंसियां मामले की गहन छानबीन कर रही हैं।
एनआईए सूत्रों के अनुसार पीआईएफ महाराष्ट्र अध्यक्ष नाशीर शेख के बैंक खाते में एक लाख 80 हजार रुपये मिले हैं। साथ ही उसे हर माह 6 हजार रुपये का मानधन भी मिलते थे। यह रकम अधिकृत रूप से मिलती थी, इसमें अंडरटेबल रकम की जानकारी जांच एजेंसियां इकठ्ठा कर रही हैं। नाशीर शेख ने पीएफआई से जुड़े लोगों की आतंकी ट्रेनिंग के लिए परवेज खान को अधिकृत किया था। परवेज खान औरंगाबाद के जटवाड़ा रोड, पड़ेगांव ,और नरेगांव में बंद गोदामों में कई सदस्यों को आतंकी ट्रेनिंग दिया था। पीएफआई ने 15 सितंबर को औरंगाबाद में बैठक की थी, उसमें परवेज खान भी उपस्थित था। बैठक में सभी सदस्यों को उनके मोबाइल फोन से सभी डाटा डिलीट करने का भी आदेश जारी किया गया था।
दरअसल, जांच एजेंसियों ने महाराष्ट्र में पीएफआई के कई जिलों में छापा मारकर महत्वपूर्ण सबूत जब्त किया है। साथ ही पीएफआई के बहुत से सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। उसी जांच में यह महत्वपूर्ण जानकारी जांच एजेंसियों को मिली है। गिरफ्तार आरोपितों के अलग-अलग बैंक खातों से कई बड़े वित्तीय लेनदेन की भी जानकारी मिली है। जांच एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई में आरोपितों के मोबाइल फोन, लैपटॉप, हार्डडिस्क जब्त किए गए। इन सबकी गहन छानबीन की जा रही है।
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