भारत के कण-कण में और रोम-रोम में राम हैं। जो राम का हो गया फिर उसे हर जगह राम के ही दर्शन होते हैं। उनकी भक्ति ऐसी ही है। तभी तो अभिनेता अरुण गोविल की छवि भगवान राम के रूप में अमिट है। अस्सी-नब्बे के दशक में जब रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण टीवी पर होता था तो गांव, मोहल्लों की गलियां सूनी हो जाया करती थीं। लोग टीवी के सामने हाथ जोड़कर बैठ जाते थे। वर्षों बाद भी इसी तरह देखने को मिला, जब संभाजीनगर एयरपोर्ट पर अरुण गोविल को देखकर एक महिला उनके चरणों में लिपट गई, और महिला बड़े ही श्रद्धा भाव से उनकी तरफ देखते हुए, उनके चरणों को पकड़कर साष्टांग दंडवत करने लगीं। वह महिला अरुण गोविल को देखकर इतनी भावुक हो गई, कि मानो वह उस समय साक्षात भगवान श्रीराम के दर्शन कर रही हों। यह दृश्य उसी तरह से है जैसा कि रामचरित मानस के सुंदरकांड में दिखता है। जब हनुमान जी भगवान राम को पहचानकर उनके चरण पकड़कर पृथ्वी पर गिर पड़े (उन्होंने साष्टांग दंडवत प्रणाम किया)। शिव जी कहते हैं कि हे पार्वती वह सुख वर्णन नहीं किया जा सकता है।
प्रभु पहिचानि परेउ गहि चरना। सो सुख उमा जाइ नहिं बरना।।
मन को भावविभोर कर देने वाला यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बता दें अरुण गोविल महाराष्ट्र के संभाजीनगर में रामलीला के आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान एयरपोर्ट से गुजरते समय जब एक महिला ने उन्हें देखा, तो वह भावात्मक रूप से अरुण गोविल को देखकर, उनके चरणों में दंडवत करने लगी। इतना ही नहीं ”टीवी के भगवान राम” को अपने सामने देखकर महिला की आंखों से श्रद्धा और सम्मान के अश्रु भी छलकने लगे।
https://twitter.com/AskAnshul/status/1576039952889962496
हालांकि, जिस समय महिला ने अरुण गोविल के चरणों को छुआ, उस वक्त वह थोड़ा सा असहज हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने तुरंत महिला से उठने का अनुरोध किया। और बाद में उन्होंने हाथ जोड़ते हुए, उस महिला का अभिवादन को स्वीकार करते हुए, उसे राम नाम का पटका दिया।
धर्मपरायण यह महिला एयरपोर्ट से सीधे ICU में भर्ती अपने पति के पास गई, और जो राम-नाम का दुपट्टा गोविल ने उन्हें पहनाया था उसे अपने पति को सौंप दिया, इतना ही नहीं वह महिला रोते-रोते बोल रही है, कि ‘यह भगवान राम ने दिया है’…। वैसा ही प्रसंग जैसा मानस में दिखता है। केवट भगवान राम को गंगा पार कराता है। उसे भेंट देने के लिए राम जी कहते हैं, लेकिन वह मना कर देता है, क्योंकि उसे तो राम नाम का अनमोल मोती मिल गया है। हे नाथ! आज मैंने क्या नहीं पाया! मेरे दोष, दुःख और दरिद्रता की आग आज बुझ गई है।
नाथ आजु मैं काह न पावा। मिटे दोष दुख दारिद दावा॥
https://twitter.com/Prakharshri78/status/1576187503887142917
प्रभु श्रीराम की भक्ति में डूबी महिला का पति अब स्वस्थ्य होकर अस्पताल से घर वापस लौट आए हैं।
अब मैं कुसल मिटे भय भारे। देखि राम पद कमल तुम्हारे।।
तुम्ह कृपाल जा पर अनुकूला। ताहि न् ब्याप त्रिबिध भव सूला।।
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