गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत मेघालय के दो दिवसीय प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया। अंतिम दिन उन्होंने शिलांग में ‘सेंग खासी’ पदाधिकारियों के साथ पवित्र शिखर (यू लुम सोहपेटबनेंग यानी ब्रह्मांड की नाभि) के गर्भगृह में प्रार्थना की।
यह प्रार्थना सभी के कल्याण, ‘का मेई री इंडिया’ (भारत माता) की समृद्धि और उसके सभी नागरिकों के उत्थान के लिए थी। प्रार्थना सेंग खासी समाज के मुख्य पुजारी स्कोर जाला द्वारा करवाई गई। यह कार्यक्रम स्वधर्म आस्था (नियाम खासी) के लिए पवित्र अनुष्ठानों से समाप्त हुई।
आशीर्वाद स्वरूप पवित्र चावल का वितरण किया गया और सरसंघचालक जी ने पवित्र परिसर के भीतर एक पौधा लगाया। स्थानीय मान्यता है कि ‘यू लुम सोहपेटबनेंग’ वह स्थान है, जहां एक ‘स्वर्णिम पुल’ मनुष्य को स्वर्ग से जोड़ता है। ऐसा माना जाता है कि 16 परिवारों ने दो दुनियाओं के बीच यात्रा की।
उल्लेखनीय है कि ‘सेंग खासी’ एक सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संगठन है। इसका गठन 23 नवंबर, 1899 को 16 युवा खासी पुरुषों ने किया था। आज 123 वर्ष बाद सेंग खासी इन खासी पहाड़ियों में 300 से अधिक शाखाओं में विकसित हो गया है।
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