भारत और जापान के रिश्तों में नई इबारत उभर रही है। दोनों देशों के बीच यूं तो कूटनीतिक संबंध एक अर्से से रह हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में संबंधों में एक नई गर्मजोशी का एहसास हुआ है। इसी दोस्ती और नजदीकी की बदौलत न सिर्फ दोनों देश वैश्विक मंचों पर एक दूसरे के हित को आगे रखते हुए दुनिया की भलाई के कदम उठा रहे हैं बल्कि द्विपक्षीय आयामों को भी गति दे रहे हैं।
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किशिदा के साथ चर्चा करते हुए मोदी
इसीलिए जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की दुखद मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक भावुक आलेख लिखकर उनके साथ अपने अपनत्व के भाव को बखूबी रेखांकित किया था। इसलिए यह तो संभव ही नहीं था कि आबे के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी अपने व्यस्त कार्यक्रम में से समय निकालकर तोक्यो न जाते। 27 सितम्बर को उनके अंतिम संस्कार में विश्व की अन्य विभूतियों के बीच बैठे मोदी के चेहरे के भाव देखकर ही समझा जा सकता है कि वे ‘मित्र आबे’ के असमय बिछुड़ जाने से अंदर से कितने व्यथित हैं।
तोक्यो गए प्रधानमंत्री मोदी ने वहां के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से औपचारिक भेंट में कहा भी कि आज इस दुख की इस घड़ी में मिलना हो रहा है। उन्होंने कहा ‘‘पिछली बार जब मैं आया था तो मेरी जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ लंबी चर्चा हुई थी। पूरा भारत शिंजो आबे को याद कर रहा है’’।
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यह सच है। भारतवासी कैसे भूल सकते हैं कि दिसम्बर 2015 में शिंजो आबे भारत आए थे और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उन्होंने काषी में गंगा आरती की थी। वे भारत और भारत की सनातन संस्कृति का बहुत सम्मान करते थे और यह बात उनके व्यवहार से झलकती थी। मोदी से उनका परिचय तबसे रहा था जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री होते थे। आबे ने उस दौर में भी गुजरात व भारत के लिए प्रधानमंत्री के नाते जापान का पूरा सहयोग सुनिष्चित किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तोक्यो में प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से चर्चा में भारत-जापान संबंधों की समीक्षा की। मोदी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि किशिदा के नेतृत्व में भारत-जापान के द्विपक्षीय रिश्ते और गहरे होंगे, ये नई ऊंचाइयां छुएंगे। मोदी ने आशा व्यक्त की कि हम दोनों देश विश्व की समस्याओं को हल करने में एक उचित भूमिका निभा पाएंगे।
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अपने मित्र आबे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी की आंखें उनसे जुड़ी यादों को खंगालती सी प्रतीत हुईं। निःसंदेह भावुक पल थे वो। इस शोक की घड़ी में मोदी के अलावा अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और 20 से ज्यादा राष्ट्राध्यक्ष तथा शासनाध्यक्षों सहित सौ से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि जापान पहुंचे हैं।
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गत जुलाई माह में एक चुनाव रैली में एक युवक द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाद में उस युवक को पकड़ लिया गया था। लेकिन आबे को बचाया नहीं जा सका।
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