विश्व हिंदू परिषद द्वारा बर्मिंघम और लंदन के लेस्टर में हिंदुओं और हिंदू पूजा स्थलों पर हुए हमलों पर गहरी चिंता जताई गई है। इस घटना के विरोध में 26 सितम्बर को मुंबई के बी के सी स्थित ब्रिटेन के उप उच्चायोग कार्यालय के बाहर एक शांतिपूर्ण रैली का आयोजन किया गया। विहिप ने आरोप लगाया कि इस्लामिक कट्टरपंथियों ने बड़ी संख्या में हिंदुओं, उनके पूजा स्थलों, उनके सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया है। उपद्रवियों का यह हिंसक, घृणित और चरमपंथी कृत्य पूरी तरह से एकतरफा है।
विहिप द्वारा कहा गया कि ब्रिटेन में उपद्रवी झूठे आरोप लगा रहे हैं कि हिंदुओं ने पहले उन्हें नुकसान पहुंचाया। यदि ऐसा होता तो, अस्पतालों में भर्ती होने वाले सारे लोग हिंदू नहीं होते। मुसलमानों के घरों, संपत्तियों या धार्मिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचा होता। उन्होंने कहा कि हिंदुओं पर सीधा हमला किया गया है। लेस्टर में कई हिंदू पूजा स्थलों का अपमान कर उन्हें अपवित्र किया गया है। बर्मिंघम के स्मेथविक में भी एक प्रमुख हिंदू धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के पास हिंसक विरोध प्रदर्शन किया गया है।
विहिप के शिष्टमंडल ने मुंबई के ब्रिटिश उप उच्चायोग के कार्यालय पर मिशन के उपायुक्त से भेंट कर ज्ञापन सौंपकर कहा कि हिन्दू, स्वभाव से शांतिपूर्ण और कानून का पालन करने वाले लोग हैं। ब्रिटेन में हिंदुओं की आबादी 1.5 प्रतिशत है। हिंदुओं ने वहां आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक रूप से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बहुत बड़ी संख्या में ब्रिटेन के हिंदू स्वरोजगार करते हैं और दूसरों को रोजगार प्रदान करते हैं। हिंदू समुदाय के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिवंगत प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर ने ब्रिटेन में हिंदुओं के योगदान को यह कहते हुए स्वीकारा था, “आपने हमें इस देश में परिवार के बारे में बहुत कुछ सिखाया है और हमें इसे लगातार ध्यान में रखना चाहिए। आप यूके के लिए बड़ी संपत्ति हैं।” दुर्भाग्य से, स्थानीय पुलिस और प्रशासन ऐसी हिंसा को दबाने में ढिलाई बरत रहे हैं।
लेस्टर में हिंदुओं को 4 सितंबर, 2022 से लगातार हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने अनुरोध किया है कि हिंदुओं के जीवन, गरिमा और संपत्तियों की रक्षा के लिए तत्काल ठोस प्रयास किए जाएं। इस तरह के हिंसक और जघन्य घृणा-अपराधों में शामिल सभी लोगों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
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