इससे बड़ा और क्या दुर्भाग्य होगा कि बिहार में पुलिस वाले ही राह चलते लोगों के साथ लूटपाट कर रहे हैं। अभी कुछ ही दिन पहले छपरा में बरेली (उत्तर प्रदेश) के एक व्यवसायी से 60,00,000 रु- के जेवर और 5,00,000 रु- नगद लूट लिए गए थे। इस मामले की जांच हुई तो बहुत ही शर्मनाक तथ्य सामने आए। लूट में दो पुलिसकर्मी ही शामिल पाए गए। इनके नाम हैं- शशि भूषण सिंह और पंकज कुमार। ये दोनों बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएसएपी) के जवान हैं।
बता दें कि गत दिनों शशि भूषण सिंह को पटना के रूपसपुर क्षेत्र से छपरा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसमें शामिल पुलिसकर्मी सादी वर्दी में थे। इसलिए कुछ लोगों ने यह अफवाह उड़ा दी कि शशिभूषण सिंह का अपहरण हो गया है। इसकी खबर मीडिया में खूब चली, लेकिन देर रात पटना के एसएसपी ने अपहरण की बात से इनकार किया।
इसके बाद पता चला कि शशिभूषण सिंह को छपरा पुलिस ने लूट कांड के लिए पकड़ा है। शशिभूषण की निशानदेही पर ही पंकज कुमार को पकड़ा गया। इसके साथ ही आरा में कई जगहों पर छापा मारा गया और लूट का सामान बरामद किया गया। यह भी कहा जा रहा है कि पंकज कुमार के संबंध अनेक अपराधियों से हैं।
कहा जा रहा है कि कुछ अपराधियों के साथ शशिभूषण सिंह और पंकज कुमार ने कारोबारी अभिलाष वर्मा को जांच के बहाने रोका और इसी बहाने उनसे सारा सामान छीन लिया। इसके बाद वे लोग उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर छपरा शहर में कुछ देर घुमाते रहे। फिर एक सूनसान जगह पर इन लोगों ने अभिलाष को गाड़ी से उतार दिया। बाद में वे किसी तरह थाने पहुंचे और वहां शिकायत दर्ज कराई।
इस घटना ने न केवल बिहार पुलिस, बल्कि पूरे बिहार की छवि को खराब किया है। लोग कह रहे हैं कि जब से नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ सरकार बनाई है, तब से बिहार के लोग आए दिन जंगलराज की अनूभूति कर रहे हैं।
छपरा के शिवाजी सिंह कहते हैं, ‘‘जब पुलिस वाले ही लोगों को लूटेंगे तो बाहरी कारोबारी बिहार आना ही बंद कर देंगे। इससे बिहार का ही नुकसान होगा, लेकिन शायद इसकी भनक न तो सरकार को है और न ही पुलिस वालों को।’’ वहीं बेगूसराय के कारोबारी ब्रजेश कुमार कहते हैं, ‘‘2005 से जो माहौल था, अब वही माहौल पूरे बिहार में दिखाई देने लगा है। कारोबारी फिर से बिहार छोड़कर दूसरे राज्योें में जा रहे हैं। यह बिहार सरकार के लिए शर्म की बात है।’’
बिहार में बढ़ते अपराध के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री बनने की चाह भी बढ़ रही है। इसलिए वे कभी दिल्ली, तो कभी हरियाणा में भाषण देते फिर रहे हैं।
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