छपरा में तैफ, शाहिद और अरशद ने तालिबानी अंदाज में 15 वर्ष के आदित्य तिवारी की गला काट कर हत्या कर दी। बिहार में तीन महीने में इस तरह की चार घटनाएं हो चुकी हैं। लगभग सभी आरोपी मुसलमान हैं। कह सकते हैं कि बिहार में तालिबान आ गया है।
बिहार में बात-बात पर गला काटकर मार देने की घटना में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। विगत 3 माह में 4 से अधिक मामले गला काटकर मार देने के सामने आए हैं। 21 सितंबर को 15 वर्षीय आदित्य तिवारी को उसके ही हमउम्र के लड़कों ने गला काटकर मार दिया। हत्या का मुख्य आरोपी तैफ था। उसने ही अपने दो दोस्तों शाहिद और अरशद के साथ मिलकर आदित्य तिवारी की हत्या की।
यह घटना छपरा जिले के जलालपुर थानांतर्गत जलालपुर हाई स्कूल के गेट पर हुई। आरोपियों ने आदित्य की नृशंस हत्या की। सबसे बड़ी बात है कि हत्या के पहले तैफ़ ने सोशल मीडिया पर भोजपुरी में एलान कर दिया था कि (21को) खेला होई (मतलब खेला होगा)। जलालपुर हाई स्कूल के एक शिक्षक के अनुसार उस दिन सेकंड टर्मिनल टेस्ट (द्वितीय सावधिक परीक्षा) चल रही थी। प्रश्न पत्र भी बांटा जा चुका था तभी इस हृदय विदारक घटना की जानकारी मिली। आनन-फानन में आदित्य को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया।
हत्या के कारणों पर अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे प्रेम प्रसंग से जोड़कर देख रहे हैं। आदित्य तिवारी का प्रेम प्रसंग भटकेसरी गांव में पढ़ने वाली एक लड़की से चल रहा था। दोनों भटकेसरी बाजार के एक कोचिंग सेंटर में पढ़ते थे। चाइपाली गांव के छेड़खानी करनेवाले लड़कों को यह बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने इसी बात से खीझकर आदित्य की हत्या कर दी। कुछ स्थानीय लोग इन तीनों युवकों को आपराधिक प्रवृति का मानते हैं। लड़कियों को छेड़ना इनका शगल था। यह बात आदित्य को अच्छी नहीं लगती थी। आदित्य के बड़े भाई सेना में कार्यरत हैं। वह भी बड़ा होकर सेना में जाना चाहता था। तैफ़ और उसके दोस्तों का व्यवहार उसे नागवार लगता था। उसने एक दो बार उनको इस काम के लिए मना भी किया था लेकिन वे नहीं माने। अपने काम में रोड़ा मानकर उन्होंने आदित्य की हत्या कर दी। हत्या तालिबानी अंदाज में की गई। इन लोगों ने अचानक आदित्य को पकड़ा और गला रेतकर हत्या कर दी। जिस चाकू से आदित्य का गला रेता गया, उसे जलालपुर पुलिस ने इनामीपुर गांव से बरामद कर लिया है। हत्या के दिन ही शाहिद और अरशद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इनकी निशानदेही पर ही यह चाकू बरामद हुआ है।
इस हत्या के बाद स्थानीय लोग उग्र हो गए। स्कूल में जमकर हंगामा मचा। अभी स्कूल बंद है। शिक्षक सादे पन्ने पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए 24 सितंबर को एक सर्वदलीय मार्च निकाला गया, जिसका नेतृत्व स्थानीय सांसद जनार्दन सिग्रीवाल ने किया।
बिहार में लगातार हो रही है इस प्रकार की घटना
गला रेतकर हत्या करने की घटना बिहार की कोई इकलौती घटना नहीं है। गत माह गोपालगंज जिले के गोपालपुर थानांतर्गत संघवाडीह पंचायत के देउरवा गद्दी टोला गांव निवासी 17 वर्षीय अनूप कुमार की हत्या कर दी गई। रामप्रसाद मद्धेशिया के बड़े पुत्र की हत्या भी गला रेतकर की गई थी। उनके शव को आनन-फानन में जलाने की तैयारी भी हो रही थी लेकिन ग्रामीणों की पहल पर ऐसा नहीं हो सका। 12 जुलाई को पूर्णिया के बड़हरा कोठी थाना क्षेत्र में एक 6 वर्षीय बालक गौरव कुमार की हत्या गला काटकर कर दी गई। हत्यारों ने बच्चे के प्राइवेट पार्ट समेत कई अंग भी काट दिए थे। बच्चा 3 दिन से घर से लापता था। इसकी मां की मौत जल जाने से हो चुकी है। इस माह 4 सितंबर को भी मोतिहारी में एक 80 वर्षीय रिटायर्ड डॉक्टर की हत्या गला काटकर कर दी गई थी। घटना के समय घर में डॉक्टर के अलावा झारखंड की एक नौकरानी थी।
इसी प्रकार 18 अगस्त को किशनगंज जिले के बहादुरगंज प्रखंड अंतर्गत मोहम्मद नगर पंचायत में एक महिला जुबेदा खातून की गला काटकर हत्या कर दी गई।
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