राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर विधायकों से रायशुमारी के लिए बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले ही दबाव की राजनीति शुरू हो गई है। एक तरफ गहलोत समर्थकों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर बैठक का अपना रूख साफ कर दिया, जबकि दूसरी तरफ पायलट के आवास पर भी बैठक में आगामी रणनीति पर चर्चा हुई। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर 60 से अधिक विधायक जुटे। उन्होंने सहमति बनाते हुए साफ कर दिया है कि बगावत कर मानेसर जाने वाले विधायकों को छोड़कर किसी को भी मुख्यमंत्री बना दें। गहलोत विधायकों ने इस रुख से साफ कर दिया है कि उन्हें सचिन पायलट की ताजपोशी कतई मंजूर नहीं है।
जानकारी के मुताबिक धारीवाल के आवास पर गहलोत समर्थक 60 विधायक जुटे हैं। इनमें मंत्री भी शामिल हैं। यहां इन विधायकों और मंत्रियों के बीच हुई वार्ता में सहमति बनी है कि सरकार बचाने वाले 102 विधायकों में से किसी को भी आलाकमान सीएम बना दें, लेकिन उन्हें बगावत करके मानेसर जाने वाले विधायक मंजूर नहीं हैं। गहलोत समर्थक विधायकों के इस रुख से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक हंगामेदार हो सकती है।
मंत्री धारीवाल के आवास पर विधायक दीपचंद खेरिया, जेपी चंदेलिया, नगराज मीणा, संयम लोढ़ा, लक्ष्मण मीणा, अर्जुन बामणिया, महेंद्रजीत मालवीय, विनोद चौधरी, चेतन डूडी, रफीक खान पहुंचे हैं। इसी प्रकार विधायक आलोक बेनीवाल, गोपाल मीणा, दानिश अबरार, पदमाराम मेघवाल, अमीन खान, मंजू मेघवाल, महेंद्र विश्नोई, बाबूलाल नागर, अमित चाचान, गंगा देवी, प्रीति शक्तावत, महादेव सिंह खंडेला, राजेन्द्र पारीक पहुंचे हैं। वहीं मंत्री सुभाष गर्ग, भंवर सिंह भाटी, महेश जोशी, ममता भूपेश, गोविंद राम मेघवाल, राम लाल जाट, शकुंतला रावत, अशोक चांदना, सालेह मोहम्मद, भजन लाल जाटव, बी.डी कल्ला, महेंद्र चौधरी, कांति मीणा, रामलाल जाट, मंत्री उदयलाल आंजना, मंत्री लाल चंद कटारिया, मंत्री टीकाराम जूली भी पहुंचे।
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सहित जी-6 से जुड़े विधायकों ने शांति धारीवाल के घर हुई गहलोत समर्थक विधायकों की बैठक से दूरी बना ली। गुढ़ा धारीवाल के बंगले के गेट से वापस लौट गए। गुढ़ा ने कहा कि बहुमत के लिए 101 विधायक चाहिए, इसके बिना सरकार अल्पमत में होती है। यहां बैठक में 101 विधायक नहीं हैं, इसलिए मैं नहीं गया। विधायक वाजिब अली, खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज सिंह मलिंगा भी गुढ़ा के साथ हैं और बैठक में नहीं गए।
मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि अशोक गहलोत क्लास के मॉनिटर नहीं है, जिन्हें कि यूं ही बदलकर किसी को सीएम बना दें। बीजेपी ने अगर तोड़फोड़ कर दी तो क्या होगा? सरकार बचाने में जिन 102 विधायकों ने मदद की थी, उनमें से ही सीएम बने। आलाकमान जिस नाम को तय करेगा, वह हमें मंजूर होगा। गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले कांग्रेस विधायक सचिन पायलट का नाम उछलने से नाराज हैं। वे चाहते हैं कि जो विधायक सियासी संकट के वक्त गहलोत सरकार के साथ रहे, उनकी बात को पूरी तवज्जो दी जाए।
धारीवाल के बंगले पहुंचे निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि गहलोत ही सीएम रहने चाहिए। गहलोत के अलावा किसी दूसरे को सीएम बनाया तो निर्दलीय विधायक समर्थन वापस ले लेंगे। मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि अशोक गहलोत ही रहें मुख्यमंत्री। उन्हें बदला नहीं जाए।
सीएम गहलोत ने रविवार दोपहर जैसलमेर में कहा था कि अगला सीएम वो नेता हो जो प्रदेश में सरकार रिपीट करा सके। सीएम के चयन के लिए विधायक दल की बैठक बुलाना और हाईकमान पर फैसला छोड़ने की परंपरा रही है। यही कांग्रेस की ताकत रही है। मैं कई पदों पर रह चुका हूं, अब नई पीढ़ी को चांस मिलना चाहिए। आज भी आपको उसी विश्वास की झलक देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह गलत प्रचारित किया गया कि मैं राजस्थान में सीएम का पद नहीं छोड़ना चाहता। मैं अगस्त में ही हाईकमान को कह चुका कि अगला सीएम उसे बनाइए जो सरकार रिपीट करवा सके। अब जो अगला मुख्यमंत्री बनेगा उसे कहूंगा कि वो युवाओं पर ध्यान दें। मेरी कलम गरीब के लिए चली। अब मैं चाहता हूं कि नौजवानों के बीच जाऊं। सीएम पर रायशुमारी के लिए बुलाई गई विधायक दल की बैठक में कांग्रेस समर्थक निर्दलीय विधायकों को भी बुलाया गया है। इन विधायकों को कांग्रेस के एसोसिएट मेंबर का दर्जा दिया हुआ है, इसलिए बैठक में बुलाया गया है।
(सौजन्य से सिंडीकेट फीड)
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