मुजफ्फरनगर: पश्चिमी यूपी में एटीएस और एनआईए के संयुक्त अभियान में चार मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया है। टीम ने पकड़े गए चारों मुस्लिम युवकों को पीएफआई के हार्डकोर कार्यकर्ता बताया है। पुलिस के मुताबिक शामली निवासी मोहम्मद शादाब अजीम कासमी, गाजियाबाद से मुफ्ती शहजाद, जोगियाखेड़ा से मोहम्मद इस्लाम कासमी और खरगोदा से मौलाना साजिद को एनआईए ने गिरफ्तार किया है।
एनआईए के साथ नोएडा से यूपी एटीएस की टीम भी इस सर्च ऑपरेशन में शामिल थी। पकड़े गए इन सभी युवकों का कनेक्शन पीएफआई से बताया गया है, और इनके खिलाफ खरगोदा थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई है, गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद युवकों को जेल भेज दिया गया है।
एटीएस के नोएडा प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार ने बताया कि इन सभी के खिलाफ सबूत मिले हैं, कि इनके द्वारा देश के खिलाफ लोगों को भड़काने और उसके नाम पर धन उगाही की गई है। ये देश को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाए जाने का षड़यंत्र रच रहे थे। फुगाना थाना के जोगियाखेड़ा से जिस इस्लाम कासमी नाम के युवक को पकड़ा गया है, वह वर्तमान में गांव-गांव साबुन, सर्फ बेचने के लिए फेरी लगाता था, और इससे पहले वह मदरसे में बच्चों को पढ़ाने का काम किया करता था। पुलिस को 2019 से उसकी गतिविधियों पर शक था, जिसके बाद उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी थी।
कैराना के मामौर गांव के प्रधान मौलाना साजिद भी एटीएस के रडार पर थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। पीएफआई से जुड़े इन चारों युवकों की उम्र 30 साल से ज्यादा नहीं है, जिनपर पुलिस और खूफिया एजेंसियों की निगाहे काफी लंबे समय से लगी हुई थी।
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