उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का आधार भारतीय गौवंश रहा है। आधुनिक तकनीकि के आने से पहले खेती किसानी से जुड़े पुरातन अध्ययन को देखेंगे तो गौवंश के माध्यम से उत्पादन हमारा किसान लेता रहा है। यह देश जब गुलामी की ओर गया तो धीरे-धीरे भारत की परम्परागत खेती पर प्रहार हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान भारतीय नस्ल के गौवंश को बचाएं और गौ-आधारित खेती के माध्यम से धरती माता की उर्वरता को बढ़ाने में अपना योगदान दें। शनिवार को वह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राज्य स्तरीय गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की आस्था और धरती माता की सेवा का जो कार्य आचार्य देवव्रत कर रहे हैं उनका सानिध्य पूरे देश को मिल रहा है। धरती माता को बचाने और गौ माता की रक्षा के लिए इस अभियान में लगे सभी कृषि वैज्ञानिकों और किसानों को हमारी शुभकामनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए वास्तव में यह कार्यक्रम भारत की आस्था को बचाने का कार्यक्रम है। यह धरती माता को उसके वास्तविक स्वरूप में रखने का अभियान है। योगी ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश माना जाता रहा है। देश खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता भले ही प्राप्त कर ली हो लेकिन इसके दुष्परिणाम भी हम देख रहे हैं। आज गंभीर बीमारियां बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पश्चिम के कुछ जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का काम किया है। सरकार हर मण्डी में प्राकृतिक खेती के उत्पाद की खरीददारी व बिक्री की व्यवस्था होगी।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। साथ ही प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों और वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम को गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और कृषि राज्य मंत्री बलदेव ओलख ने भी संबोधित किया।
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