ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला जज की अदालत में मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतजामिया की मांग खारिज होने के बाद पहली बार सुनवाई हुई। जिला जज ने इस मुकदमे को सुनवाई योग्य करार दिया था। इसे हिंदू पक्ष जीत का पहला कदम मान रहा है। ऑर्डर 1 रूल 10 के तहत जिन लोगों ने भी आवेदन दिया था, उस पर सुनवाई के साथ वाद बिंदु तय किया गया। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि हम लोगों ने परिसर में मिले साक्ष्यों के कार्बन डेटिंग को लेकर प्रार्थना पत्र दिया है। प्रार्थना पत्र को न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। सुनवाई की अगली तारीख 29 सितंबर तय की गई है।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि मुस्लिम पक्ष उच्च न्यायालय जाने के लिए 8 सप्ताह की मांग कर रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि मामले की सुनवाई जिला जज के न्यायालय में हो। मुस्लिम पक्ष द्वारा 8 सप्ताह की मांग को कोर्ट ने खारिज कर दिया।
18 अगस्त 2021 को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में वाद दाखिल किया था। जिसमें श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन – पूजन और ज्ञानवापी परिसर में मौजूद देवी देवताओं को संरक्षित करने की मांग की गई थी। कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के आदेश के बाद मामला पूरे देश मे सुर्खियों में आ गया। सर्वे में शिवलिंग मिला है, जो आदिविशेश्वर हैं।
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