केंद्र की मोदी सरकार जल्द पीएम प्रणाम योजना लेकर आने वाली है। इस योजना के तहत सरकारी खाजने से सब्सिडी का बोझ भी हटेगा साथ ही खेती में केमिकल का इस्तेमाल भी कम होगा।
राज्यों से मांगे सुझाव
मोदी सरकार इस योजना के तहत सरकार रासायनिक उर्वरक का विकल्प तैयार करने पर काम करेगी। इस योजना का पूरा नाम “पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेट न्यूट्रिएंट्स फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट” है। इस योजना की रूपरेखा तैयार करने के लिए इस पर राज्यों से भी सुझाव मांगे हैं।
जानिए क्या है इस योजना का उद्देश्य
इस योजना उद्देश्य केंद्र सरकार के ऊपर बढ़ती हुई केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी के बोझ को कम करना है। क्योंकि हर साल किसानों द्वारा केमिकल फर्टिलाइजर की मांग बढ़ती ही जा रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार के ऊपर सब्सिडी का बोझ हर साल बढ़ता ही जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सरकार ने केंद्रीय बजट 2021-22 में केमिकल फर्टिलाइजर सब्सिडी के रूप में 79530 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जो संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 1.40 लाख करोड़ रुपए हो गए हैं और 2021-22 में अंतिम आंकड़ा 1.62 लाख करोड़ रुपए को छू गया है। 2022-23 में सरकार ने 1.05 लाख करोड़ रुपए का बजट रखा है। लेकिन उर्वरक मंत्री ने कहा कि इस साल सब्सिडी का आंकड़ा 2.25 लाख करोड़ रुपए को पार कर सकता है।
ऐसे काम करेगी योजना
इस योजना के लिए अलग से बजट नहीं होगा बल्कि इसे फर्टिलाइजर्स डिपार्टमेंट द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा फर्टिलाइजर सब्सिडी की बचत से वित्तपोषित किया जाएगा। वहीं, 50% सब्सिडी बचत को राज्य को अनुदान के रूप में दिया जाएगा। एक रिपोर्ट की माने तो, सब्सिडी का 70% वैकल्पिक उर्वरकों के तकनीकी अपनाने और वैकल्पिक रूप से संपत्ति निर्माण के लिए उपयोग किया जा सकेगा। बाकी बची हुई 30% की अनुदान राशि का इस्तेमाल किसानों, पंचायतों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए किया जा सकता है। सरकार एक साल में यूरिया की वृद्धि या कमी की तुलना पिछले तीन वर्षों के दौरान यूरिया की औसत खपत से करेगी।
जानिए पीएम प्रणाम योजना के लाभ एवं विशेषताएं
पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशियंस फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना का सीधा लाभ केंद्र सरकार को और साथ ही किसान भाइयों को भी मिलेगा।
इस योजना के माध्यम से रसायनिक उर्वरकों पर बढ़ती हुई सब्सिडी के बोझ को कम किया जाएगा।
2022-23 मे सब्सिडी का बोझ 2।25 लाख करोड़ होने की उम्मीद है जो पिछले साल के आंकड़े से 39% अधिक होगा।
देशभर में किसानों के द्वारा रसायनिक उर्वरकों का उपयोग बढ़ता ही जा रहा है। इस उपयोग को कम करने और सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए इस योजना को शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
पीएम प्रणाम योजना के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकारों को गांव, ब्लॉक, जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों को तकनीकी अपनानी से संबंधित संपत्ति निर्माण के लिए अनुदान देगी।
यह अनुदान उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्तपोषित किया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों, जिन्होंने इस योजना को लेकर विचार किया है उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को 7 सितंबर को आयोजित हुए रबी अभियान के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रस्तावित योजना के बारे में जानकारी साझा की है।
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