जयपुर। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के मार्गदर्शक मंडल से जुड़े आचार्य स्वामी धर्मेन्द्र (80) का सोमवार को निधन हो गया। वह जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती थे। आचार्य स्वामी धर्मेंद्र पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। चिकित्सकों की एक टीम लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए थी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी आचार्य स्वामी धर्मेंद्र के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।
एसएमएस अस्पताल में स्वामी धर्मेन्द्र को वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी। उन्होंने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया। पिछले एक महीने से वे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।
आचार्य स्वामी धर्मेंद्र की पुत्रवधू अर्चना शर्मा ने बताया था कि पिछले एक महीने से उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी। इसके बाद उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा के निर्देशन में उनका इलाज किया जा रहा था।
विहिप के मार्गदर्शक मण्डल में रहे आचार्य स्वामी धर्मेंद्र रामजन्मभूमि आंदोलन के बड़े चेहरों में से एक थे। बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने जब सभी 32 आरोपियों को बरी किया था तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा था-सत्य की जीत हुई है। इस पर मैं प्रणाम करूंगा। हम सब मिलकर जितने भी पुराने दाग हैं, उनको धोएंगे। यह तो पहली झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है। गोरक्षा आंदोलन और श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन सहित अनेक जनजागरण यात्राओं में अहम भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री ने आचार्य धर्मेंद्र ने निधन पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को आचार्य धर्मेंद्र के निधन पर शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शोक संदेश में कहा, “समाज और राष्ट्रसेवा में समर्पित श्रीमद् पंचखण्ड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेंद्र जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना धार्मिक और आध्यात्मिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे।”
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