पंजाब के सीएम भगवंत मान को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर विमान से नीचे उतारने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल के चीफ सुखबीर सिंह बादल ने एक ट्वीट करते हुए, कहा कि मान और केजरीवाल को इस मामले में सफाई देनी होगी। उन्होंने कहा कि इन रिपोर्ट्स ने दुनिया भर में पंजाबी लोगों को शर्मिंदा किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 17 सितंबर को भगवंत मान को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर लुफ्थांसा एयरलाइंस के विमान से नीचे उतार दिया गया था। इस विमान के पैसेंजर्स ने कहा कि था कि मान नशे में थे। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि विमान के यात्रियों द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी परेशान करने वाली है।
Shockingly, Pb govt is mum over these reports involving their CM @BhagwantMann. @ArvindKejriwal needs to come clean on this issue. Govt of India must step in as this involves Punjabi & national pride. If he was deplaned, GoI must raise the issue with its German counterpart. 2/2
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) September 19, 2022
जानकारी के मुताबिक पंजाब के सीएम भगवंत मान को लुफ्थांसा फ्लाइट से उतारा गया, क्योंकि वे नशे में थे। जिस कारण से फ्लाइट 4 घंटे देरी से उड़ान भर पाई थी। सुखबीर सिंह बादल ने दूसरे ट्वीट में कहा कि हैरानी की बात यह है, कि पंजाब सरकार इन खबरों पर चुपी साधे हुए है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस मामले में सफाई देनी चाहिए।
Disturbing media reports quoting co-passengers say Pb CM @BhagwantMann was deplaned from Lufthansa flight as he was too drunk to walk. And it led to a 4-hour flight delay. He missed AAP's national convention. These reports have embarrassed & shamed Punjabis all over the globe.1/2 pic.twitter.com/QxFN44IFAE
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) September 19, 2022
साथ ही साथ भारत सरकार को इस मद्दे पर दखल देना चाहिए, क्योंकि इसमें पंजाब और राष्ट्रीय गौरव शामिल है। अगर मान को विमान से उतारा गया था, तो भारत सरकार को जर्मन सरकार से इस बारे में बात करनी चाहिए।
आपको बता दें कि भगवंत मान 17 सितंबर को जब जर्मनी से दिल्ली लौट रहे थे। तब फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर उन्हें लुफ्थांसा एयरलाइंस के विमान से नीचे उतार दिया गया। ऐसा कहा जा रहा है, कि वे नशे में थे, इसलिए एयरलाइन ने ऐसा फैसला लिया था।
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