'बाघों के राज्य' में दिखेगी चीतों की रफ्तार, मध्य प्रदेश में ही चीते ने क्यों लगाई 'छलांग', जानें सबकुछ
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत मध्य प्रदेश

‘बाघों के राज्य’ में दिखेगी चीतों की रफ्तार, मध्य प्रदेश में ही चीते ने क्यों लगाई ‘छलांग’, जानें सबकुछ

चीतों का राज्य बना मध्य प्रदेश, पार्क के बीच में कूनो नदी बहती है, इंसानों का आना-जाना भी इस संपूर्ण क्षेत्र में बहुत कम है

by डॉ. मयंक चतुर्वेदी
Sep 17, 2022, 01:02 pm IST
in मध्य प्रदेश
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विचरण करता नामीबिया से लाया गया चीता

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विचरण करता नामीबिया से लाया गया चीता

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

डॉ. मयंक चतुर्वेदी

भारत सरकार ने मध्य प्रदेश को विश्व की पहली अंतरमहाद्वीपीय बड़े जंगली जानवर की स्थानांतरण परियोजना के लिए चुना। देश से विलुप्त हो चुके चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत के ह्दय प्रदेश में बसाहट कार्य को पूर्णता प्रदान की गई। निश्चित ही मध्य प्रदेश के जो भी वासी हैं, उन्हें अवश्य ही इस बात के लिए गौरव होगा कि देश के तमाम बड़े राज्यों को छोड़कर मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को इस कार्य के लिए चिह्नि‍त किया गया। इस पूरी योजना को अन्य राज्यों के बीच से मध्य प्रदेश में लाने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काफी प्रयास किया।

मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को 70 वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद पुन: बसाने का कार्य हुआ है। भारत में वर्ष 1952 में इस प्राणी को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। तब से देश में कोई चीता दिखाई नहीं दिया, किंतु भारत सरकार के अथक प्रयासों से ‘चीता’ वर्ष 2022 में पुन: पुनर्स्थापित किया जा सका है। इससे जुड़े तथ्यों को देखें तो भारत में चीतों के विलुप्त होने के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार 1972 में वाइल्डलाइफ (प्रोटेक्शन) एक्ट लेकर आई थी, जिसमें कि किसी भी जंगली जानवर के शिकार को प्रतिबंधित कर दिया गया।

साल 2009 में राजस्थान के गजनेर में वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूटीआई) की ओर से एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया और इसी में सर्वप्रथम यह विषय आया कि कैसे पुन: भारत में चीतों की बसाहट संभव हो सकती है। बैठक में देश भर की कुछ जगहों को चिन्हित किया गया, राज्यों के स्तर पर पाया गया कि गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ का वातावरण चीतों के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। इसके पीछे वन्यजीव वैज्ञानिकों का चीतों को लेकर किया गया जेनेटिक अध्ययन भी था, जिसमें बताया गया कि कहां पर रखने से वे तेजी के साथ अपने कुनबे को भारत में बढ़ाने में सफल रहेंगे। किंतु आगे 10 वर्षों तक इस कार्य में कोई सफलता नहीं मिल सकी थी, फिर जब 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को इसकी मंजूरी दी, तब जाकर प्रयोग के लिए अफ्रीकन चीते को भारत के जंगलों में लाए जाने को लेकर सार्वजनिक सहमति बन सकी।

प्राय: देखा यही गया है कि तेंदुए और चीते में भेद करना मुश्किल होता है। भारत में तेंदुए तो पर्याप्त हैं लेकिन एक बार चीते जंगलों से गायब हुए तो पुन: कहीं भी वन्य विभाग को दिखाई नहीं दिए थे। किंतु अब चीते कई हजार किलोमीटर सुदूर अफ्रीका के नामीबिया से चलकर भारत में आ गए हैं। बड़े मांसाहारी वन्यप्राणी की शिफ्टिंग की यह दुनिया की पहली परियोजना है। जिन चीतों को पार्क में छोड़ा गया है, उन्हें लाने के लिए भारत और नामीबिया सरकार के बीच 20 जुलाई 2022 को समझौता हुआ था।

वस्तुत: बात सिर्फ चीतों को मध्य प्रदेश में बसाने की नहीं है। यह इससे भी आगे उस विश्वास की है, जिस पर स्वयं प्रधानमंत्री मोदी भरोसा करते हैं। उन्हें विश्वास है कि कभी विलुप्त हो चुके बाघों की तरह ही मध्य प्रदेश में चीतों का इतना ध्यान रखा जाएगा कि वह भी आनेवाले समय में बाघों की सघन संख्या के बराबर आ जाएंगे या उनसे कुछ अधिक हो जाएंगे। देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्यप्रदेश में हैं और मध्यप्रदेश को बाघ प्रदेश का दर्जा मिला हुआ है। मध्यप्रदेश में देश में सबसे अधिक संख्या में 526 बाघ हैं। इसके बाद कर्नाटक में 524 बाघ और उत्तराखंड 442 बाघ के साथ तीसरे नंबर पर है।

यहां याद आता है वह घोषणा पत्र, जो दुनिया के तमाम देशों के बीच न केवल पढ़ा गया था, बल्कि उसका पालन पूरी दुनिया के देशों को करना था, किंतु कभी ऐसा हुआ नहीं। प्रत्येक वर्ष विश्व बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाए जाने का निर्णय वर्ष 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग बाघ सम्मेलन में किया गया था। इस सम्मेलन में 13 देशों ने वादा किया था कि वर्ष 2022 तक वे बाघों की आबादी दोगुनी कर देंगे। किंतु भारत को छोड़कर कोई देश अपने लक्ष्य को हासिल करते हुए नहीं दिखा है। विश्व वन्य-प्राणी निधि एवं ग्लोबल टाइगर फोरम द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार विश्व में आधे से ज्यादा बाघ भारत में रहते हैं।

यह मध्य प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए किये गये संभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण में देश में चयनित दस स्थानों में राज्य के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सर्वाधिक उपयुक्त पाया।

ये है कूनो राष्ट्रीय पार्क की खासियत

कूनो राष्ट्रीय पार्क 750 वर्ग किलोमीटर में फैला है। साथ ही यह तीन हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी तक विस्तारित है, इसलिए यह संपूर्ण क्षेत्र चीतों के स्वच्छंद विचरण के लिए उपयुक्त है। चीते को ग्रासलैंड यानी थोड़े ऊंचे घास वाले मैदानी इलाकों में रहना पसंद है। यहां चीतों के लिए खाने की कोई कमी नहीं है। जिन्हें चीते पसंद से खाते हैं, ऐसे चीतल जैसे जीव काफी बड़ी संख्या में यहां मौजूद हैं। इसके अलावा यहां चीतों के शिकार के लिए पहले ही 200 सांभर, चीतल, अन्य जानवर खासतौर पर लाकर बसाए गए थे, जिनकी संख्या समय के साथ बढ़ती रही। कूनो में सांभर, जंगली सुअर, चिंकारा, चौसिंघा, ब्लैक बक, ग्रे लंगूर, लाल मुंह वाले बंदर, शाही, भालू, सियार, लकड़बग्घे, ग्रे भेड़िये, गोल्डेन सियार, बिल्लियां, मंगूज जैसे कई जीव भी मौजूद हैं।

पार्क के बीच में कूनो नदी बहती है, इंसानों का आना-जाना भी इस संपूर्ण क्षेत्र में बहुत कम है, इसलिए ही विशेषज्ञों ने यहां पर चीतों के सर्वाइव करने की संभावना सबसे अधिक बताई है। वैसे मध्य प्रदेश अपनी वन्य संपदा एवं विविधता से भरे हुए वन्य प्राणियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है, इसलिए ही यहां देश-विदेश के पर्यटक भरपूर संख्या में आते हैं, ऐसे में अब बाघों के बाद चीता स्टेट बन जाने के बाद यह उम्मीद भी बंधी है कि मध्य प्रदेश इस परियोजना की सफलता के साथ ही दुनिया भर के देशों के लिए भी एक नजीर बनेगा कि कैसे सफल प्रबंधन से आप असंभव को भी संभव बना सकते हैं।

(लेखक फिल्म प्रमाणन बोर्ड एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

 

Topics: कूनो में चीतामध्य प्रदेश में चीता और बाघनामीबिया से आया चीताबाघों का राज्य
Share31TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वायुसेना के ग्लोबमास्टर से चीतों को भारत लाया जाएगा।

18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से आएंगे 12 चीते, वायु सेना का ‘ग्लोबमास्टर’ रवाना

कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीते

प्रधानमंत्री मोदी ने चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा, देखें वीडियो

नामीबिया से विशेष विमान में भारत आएंगे चीते, देखें वीडियो

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies