धनबाद के बलियापुर में ईसाई मिशनरी के लोग खुलेआम हिंदू महिलाओं से कहते हैं कि मांग का सिंदूर मिटा कर ईसाई बनो, फिर सारी समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी।
झारखंड में कन्वर्जन का खेल बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है। कभी अंधविश्वास का डर, तो कभी गरीब और पिछड़े समाज के लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाकर मतांतरण कराया जा रहा है। यह सब ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग कर रहे हैं। ये लोग सबसे पहले जनजातीय और गरीब हिंदू परिवारों की जानकारी इकट्ठा करते हैं। इसके बाद अपने जाल में फंसाने के लिए उन्हें मुसीबतों से दूर करने का दावा करते हैं। जो इनके झांसे में नहीं आते हैं उन्हें भूत पिशाच का डर दिखाया जाता है। इसके साथ ही उन्हें पैसे और उच्च शिक्षा का प्रलोभन भी दिया जाता है। अगर इतने से भी बात नहीं बनती तो लोगों को धमकी तक देने की कोशिश की जाती है।
ताजा मामला धनबाद स्थित बलियापुर थाना क्षेत्र के अमझर गांव से आया है। पता चला है कि अमझर के रविदास टोला में ईसाई मिशनरी के लोग पिछले 3 साल से कन्वर्जन करा रहे हैं। अब तक ये लोग 50 हिंदुओं को ईसाई भी बना चुके हैं। लोगों ने बताया कि प्रत्येक रविवार को यहाँ काफी संख्या में बाहर के लोग आते हैं। ये लोग पहले तो प्रार्थना सभा का आयोजन करते हैं, उसके बाद गांव के गरीब और पिछड़े हिंदू परिवारों को अंधविश्वास के नाम पर डराते हैं, या फिर कुछ लोगों को पैसे और ऊंची पढ़ाई का प्रलोभन देते हैं।
अमझर गांव की एक महिला ने बताया कि मिशनरी के लोग कहते हैं, ”तुम लोग जिनकी पूजा करते हो वो भगवान नहीं शैतान है। अपने माथे पर सिंदूर लगाना बंद करो और ईसाई बन जाओ।” इसके साथ ही ईसाई मिशनरी के लोग कहते हैं कि यदि हाथ में पानी लेकर गांव में छिड़क देंगे तो गांव के सभी लोग बीमार हो जाएंगे।
इसी क्रम में पता चला कि कन्वर्जन करवाने वाले पास्टर असीम कुमार नंदी ने पिछले 3 साल में गांव के मधुसूदन दास, बबीता देवी, दीपक कुमार दास, कृष्णपद दास, शंकर रविदास, अनिल कुमार दास, प्रियंका देवी, अंबिका देवी, लखीराम दास, जूही देवी, दुलाली देवी, उमा देवी आदि लोगों को ईसाई बना दिया है, वह भी प्रशासन को बताए बिना। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जो व्यक्ति उसकी बात नहीं मानता है तो उसे निशाने पर रखा जाता है।
जैसे ही इसकी जानकारी हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को हुई तो उनलोगों ने गांव वालों के साथ मिल कर 11 सितम्बर को विरोध प्रदर्शन किया। इन संगठनों ने मांग की है कि जो लोग भी लोभ लालच और नियमों को ताक पर रखकर हिंदुओं को ईसाई बना रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। इसके बाद पुलिस ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए मिशनरी संगठनों के लोगों को गांव में प्रवेश करने से रोक दिया है।
हिंदू कार्यकर्ता सोनू गिरी के अनुसार सिंदरी विधानसभा के कई गांव पिछले कई वर्षों से मिशनरी संस्थाओं के निशाने पर हैं। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र में पशुओं की तस्करी, पशुओं की कटाई और उनके मांस की बिक्री भी हो रही है।
बलियापुर के समीर प्रमाणिक के अनुसार मिशनरियों की गतिविधि पूरे सिंदरी विधानसभा में चल रही है। इसके बारे में प्रशासन से लेकर सरकार में बैठे सभी नेताओं को भी जानकारी है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
आपको बता दें कि 2 वर्ष पूर्व झरिया के विस्थापितों के लिए झरिया विहार के नाम से बसाई गई बेलगड़िया टाउनशिप में 2 दर्जन से अधिक परिवारों का मतांतरण करवा दिया गया था और अवैध तरीके से चर्च का निर्माण भी हो गया था।
इसका स्थानीय हिंदुओं ने जमकर विरोध किया। ठीक इसी तरह की गतिविधि सिंदरी विधानसभा के कई गांवों में चल रही है।
यह सब तब हो रहा है जब राज्य में मतांतरण विरोधी कानून है। कोई भी व्यक्ति मूल मत को छोड़ने से पहले प्रशासन को बताएगा। यह कानून 2017 में तत्कालीन रघुवर सरकार ने अवैध कन्वर्जन के खिलाफ बनाया था। इसके बाद पूरे राज्य में अप्रत्याशित तरीके से कन्वर्जन थमता हुआ भी दिखाई दिया था। इसके बाद 2019 में जैसे ही हेमंत सोरेन की सरकार आई उसके बाद कन्वर्जन के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई। इन्हीं मामलों को देखते हुए सिंदरी के भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो ने कहा था कि झारखंड में अब मिशनरियों की सरकार राज कर रही है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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