ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण मामले की सुनवाई जिला जज के न्यायालय में चल रही है। वही सिविल जज फास्ट ट्रैक (सीनियर डिवीजन) महेंद्र नाथ पांडेय की अदालत में एक अन्य याचिका दाखिल की गई है जिसमे सालाना उर्स, मजार पर चादर चढ़ाने और अन्य मज़हबी आयोजन की मांग की गई है। याचिका पर सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी।
मुख्य याचिकाकर्ता लोहता निवासी मुख्तार अहमद का कहना है कि हमारी मांग है कि परिसर के पश्चिम की ओर मजार पर चादर चढ़ाने और फातिहा पढ़ने की अनुमति के साथ सालाना उर्फ की इजाजत दी जाए। इस मामले में अंजुमन इंतजामिया कमेटी, जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त आयोजन को न रोके।
मुख्तार अहमद ने बताया कि उनके साथ चार लोग और याचिकाकर्ता है। जिनमे अनीसुर रहमान, नूर आलम, बख्तियार आलम और अब्दुल है। मुख्तार अहमद ने बताया कि हिंदू पक्ष के ओर से भी आज वकालतनामा लगाया गया है। हरिशंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और रंजना अग्निहोत्री का नाम है। 26 जुलाई को याचिका दाखिल की गई थी।
मुस्लिम पक्ष का दावा है कि अंजुमन इंतजामिया बातों को रख नही पा रहा है। हम लोगो ने न्यायालय से अमीन कमीशन की भी मांग की है। ताकि सर्वे कराया जाए तो मजार की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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