दुबई के जेबेल अली के वर्शिप विलेज में भव्य हिंदू मंदिर का निर्माण कराया गया है। 1 सितंबर को इस मंदिर में भगवान की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की गई। इसकी पहली झलक पाने के लिए रोजाना हजारों लोग पहुंच रहे हैं। इसी महीने की शुरुआत में इसे आगंतुकों के लिए खोला गया है। अधिकृत रूप से इस मंदिर को पांच अक्टूबर को खोला जाएगा। यहां हिंदू धर्म के आलावा अन्य सभी मजहबों के लोगों को आने की अनुमति होगी। गल्फ न्यूज के अनुसार यहां हिंदू पूजा कर सकेंगे।
अन्य मजहबों के दूसरे आगंतुकों को 16 देव प्रतिमाओं एवं भीतरी सज्जा देखने की अनुमति होगी। मंदिर के अधिकारियों की मानें तो यह मंदिर 70,000 स्क्वॉयर फीट के हिस्से में फैला है और दो मंजिला है। पहली मंजिल पर एक बड़ा सा प्रार्थना हॉल है। इसके एक किनारे पर छोटे कमरे बने हैं जिसमें 16 भगवान स्थापित हैं। वहीं, भगवान ब्रह्मा के लिए एक अलग से कमरा है। पहली मंजिल पर 4,000 स्क्वॉयर फीट का एक हॉल है।
मंदिर सुबह 6:30 बजे से रात आठ बजे तक खुला रहता है। खास बात है कि अक्टूबर के अंत तक सप्ताहांत का कोई भी दिन खाली नहीं हैं। अक्टूबर के अंत तक बुकिग प्रणाली काम करेगी। इसके बाद लोग मंदिर खुले रहने के दौरान आने-जाने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। इस समय भारत से पहुंचे 14 पंडितों का समूह यहां वेद पाठ कर रहा है। यहां पूर्वाह्न 7:30 से 11 बजे और फिर अपराह्न बाद 3:30 बजे से रात 8:30 बजे तक वेद पाठ होता है। आगंतुकों को इसमें हिस्सा लेने की अनुमति दी गई है।
मंदिर प्रबंधन ने एक सितंबर को अपनी वेबसाइट के माध्यम से क्यूआर कोड आधारित प्रवेश का समय बुक कराने वाली प्रणाली सक्रिय की है। सप्ताहांत के दिनों में यहां तिल रखने की जगह नहीं होती। भीड़ प्रबंधन के लिए क्यूआर कोड से प्रवेश नियंत्रित रखने और शारीरिक दूरी का पालन करना सुनिश्चित किया गया है।
बता दें कि दुबई में करीब 64 साल पहले एक हिंदू मंदिर का निर्माण हुआ था। बुर दुबई में स्थित उस मंदिर में भगवान शिव और कृष्ण की स्थापना हुई है। लेकिन यह अब तक का सबसे विशाल मंदिर है। जबेल अली में साल 2012 में एक भव्य गुरुद्वारा बनाया गया था।
जाने क्या है खासियत
मंदिर की बनावट बेहद सुंदर है। इसके गुंबद पर 3डी प्रिंटेड गुलाबी कमल है, जो मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। मंदिर 7853 गज के एरिया में फैला हुआ है। दुबई के इस मंदिर में एक नहीं बल्कि सोलह देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। मंदिर में धार्मिक कार्यक्रमों जैसे भजन-कीर्तन के लिए एक सामुदायिक भवन भी बनाया गया है। मंदिर में पूजा के लिए 8 पुजारी मौजूद रहेंगे।
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