प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन का उद्घाटन किया। डेयरी सेक्टर के विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने लंपी वायरस पर चिंता जताई। उन्होंने यह भी बताया कि इसकी वैक्सीन तैयार हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पशु जब बीमार होता है तो ये किसान के जीवन को प्रभावित करता है, उसकी आय को प्रभावित करता है। ये पशुओं की क्षमता, उसके दूध और इससे जुड़े दूसरे उत्पादों की गुणवत्ता पर भी असर डालता है। इसलिए भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज़ और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में लंपी नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हुई है। विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे नियंत्रित करने की पुरजोर कोशिश कर रही है। हमारे वैज्ञानिकों ने लंपी बीमारी की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है। वैक्सीनेशन के अलावा जांच में तेजी लाकर, पशुओं की आवाजाही पर नियंत्रण रखकर उस बीमारी को काबू करने की कोशिश की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पशुओं का वैक्सीनेशन हो या फिर दूसरी टेक्नोलॉजी, भारत पूरी दुनिया के डेयरी सेक्टर में योगदान देने के लिए और सभी साथी देशों से सीखने के लिए हमेशा तत्पर रहा है। भारत ने अपने फूड सेफ्टी स्टैंडर्ट्स पर भी बहुत तेजी से काम किया है। आज भारत पशुधन के लिए एक ऐसे डिजिटल सिस्टम पर काम कर रहा है, जो इस सेक्टर की सभी गतिविधियों पर नजर रखेगा। इससे इस सेक्टर में सुधार के लिए ज़रूरी सटीक जानकारी मिल पाएगी। ऐसी ही अनेक टेक्नॉलॉजी को लेकर जो काम दुनियाभर में हो रहे हैं, उसको ये समिट अपने सामने रखेगी। इससे जुड़ी विशेषज्ञता को हम कैसे साझा कर सकते हैं, इसके रास्ते सुझाएगी। मैं डेयरी इंडस्ट्री के ग्लोबल लीडर्स को भारत में डेयरी सेक्टर को सशक्त करने के अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन की भी उनके बेहतरीन काम और योगदान के लिए प्रशंसा करता हूं। आप सभी का, जो विदेश से आए हुए मेहमान का, मैं फिर से स्वागत करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं और मैं एक लंबे अरसे के बाद करीब-करीब 5 दशक के बाद भारत को आप सबका स्वागत करने का मौका मिला, आप सबके साथ विचार विमर्श करने का अवसर मिला और यहां से जो मंथन से अमृत निकलेगा, इस हमारे अमृतकाल में देश के ग्रामीण जीवन के अर्थ तंत्र को विकसित करने में, देश के पशुधन के सामर्थ्य को और मजबूत बनाने में और देश के गरीब से गरीब के सशक्तिकरण में भी बहुत बड़ा योगदान देगा।
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