ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन के मामले को लेकर वाराणसी जनपद न्यायालय ने आज निर्णय सुनाया। वाद की पोषणीयता पर बहस पूर्ण होने के बाद न्यायालय ने इस मुकदमे में फैसला सुरक्षित रखा था। जिला जज अजय कुमार विश्वेश की अदालत ने आज निर्णय सुनाया। जिला जज ने मुकदमे में मुस्लिम पक्ष को खारिज कर दिया। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने बताया कि अब अगली सुनवाई परिसर में मिले शिवलिंग को लेकर होगी। जिला जज ने आर्डर 7 रूल 11 को खारिज कर दिया। आगे भी तहखाने को खुलवाकर सर्वे की मांग की जाएगी। ये हिंदुओं की आस्था की जीत है। सर्वे के सारे साक्ष्यों पर आगे सुनवाई 22 सितंबर को होगी। न्यायालय ने हिंदू पक्ष की अपील स्वीकार कर ली है।
बता दें कि 18 अगस्त 2021 पांच महिलाओं ने वाराणसी जनपद न्यायालय में याचिका दायर कर प्रत्येक दिन श्रृंगार गौरी की पूजा करने की अनुमति मांगी। इस मामले में 8 महीने में सुनवाई पूरी हुई हुई। 26 अप्रैल 2022 को न्यायालय ने अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे करने का आदेश दिया। न्यायालय ने अजय मिश्रा को 6, 7, 8 मई को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ सर्वे कर 10 मई तक न्यायालय में रिपोर्ट पेश करने को कहा। 6 मई 2022 को कोर्ट कमिश्नर ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम शुरू किया। सर्वे के दौरान पांचों महिलाएं और मस्जिद पक्ष के लोग भी मौजूद रहे। 7 मई 2022 को मस्जिद पक्ष ने न्यायालय में याचिका दायर कर कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा की निष्पक्षता पर सवाल उठाया और परिसर में सर्वे का विरोध भी किया।
12 मई 2022 को न्यायालय ने अजय मिश्रा को हटाने से मना कर दिया। साथ ही सर्वे के लिए दो और कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिए। 14 मई 2022 को न्यायालय द्वारा नियुक्त सर्वे कमीशन ने ज्ञानवापी मस्जिद का पुनः सर्वे शुरू किया। 16 मई 2022 को हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग होने का दावा किया। मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया. 16 मई 2022 को ही कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया । 19 मई 2022 को कोर्ट कमीशन ने ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल की। 24 अगस्त 2022 को वाराणसी न्यायालय में मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी । वाराणसी जनपद न्यायालय के जिला जज ने 12 सितंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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