धारचूला (पिथौरागढ़) । भारत और नेपाल सीमा के बीच बहने वाली काली गंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने प्रलय का रूप ले लिया है। इसी वजह से नेपाली क्षेत्र में भारी तबाही होने की खबरें आ रही हैं।
जानकारी के मुताबिक काली गंगा में दो दिन पहले एक पहाड़ी का टुकड़ा टूटकर गिर गया था। इसके बाद से काली का प्रवाह थोड़ा अवरुद्ध हो गया था। प्रवाह रुकने की वजह से झील बनती गई। आज सुबह पानी के दबाव से वह पहाड़ी का टुकड़ा भी तबाही मचाता हुआ बह निकला। काली के पानी ने प्रलय का रूप ले लिया और देखते ही देखते नेपाल सीमा के कई मकानों को अपने साथ ले गया। काली नदी ने नेपाली क्षेत्र के दार्चुला क्षेत्र में तबाही मचाई है।
पहाड़ी से बरसाती पानी के साथ आए मलबे ने भारत के धारचूला बाजार तक अपना रौद्र रूप दिखाया है। बाजार की सड़क भी मलबे से पट गई। सड़क में पार्क किए गए वाहन भी मलबे में दब गए। मल्ली बाजार, ग्वाल गांव, खोतीला में सड़कों पर मलबा जमा हो गया है।
बादल फटने की सूचना
बादल फटने से नेपाल में मकानों के ध्वस्त होने और कई लोगों के लापता होने की सूचना है। पिछले दिनों एलधार नामक स्थान पर हुए भूस्खलन के बाद से खतरा बना हुआ है। तब भूस्खलन के साथ बोल्डर गिरने से चार मकान ध्वस्त हो गए थे। इस स्थान पर जिनके मकान हैं वह लोग अभी भी अन्य सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं। शुक्रवार की रात एक बार फिर मलबा आने से लोग असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। भारी बारिश के कारण काली नदी का जल स्तर भी काफी बढ़ गया। तटबंध के ऊपर नदी बहने लगी। इससे लोग सहमे नजर आ रहे हैं।
पिथौरागढ़ के डीएम आशीष चौहान धारचूला के लिए रवाना हो गए हैं। एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर आ गई है। दोनो देश के बीच बने पैदल पुल को फिलहाल बंद कर दिया गया है। विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा की जा रही है।
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