बिजनौर। गंगा बैराज से एक और गंगा निकली हैं। गंगा से मध्य गंगा नहर में पानी छोड़ा गया है। चौदह सालों से बन रही इस परियोजना की पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा की थी। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई थी, जिसके बाद हरकत में आए अभियंताओं ने पितृ पक्ष से पहले ही इस नहर का शुभारंभ कर दिया।
बिजनौर से मध्य गंगा नहर निकाले जाने की योजना चौदह साल पहले शुरू हुई थी। उस समय इसकी लागत करीब एक हजार करोड़ रुपये आंकी गई थी। ये नहर 66 किलोमीटर लंबी है और ग्यारह ब्लॉकों से होकर गुजरती है। इस नहर से बहजोई और चंदौसी शहर को भी लिंक नहर से पानी की सप्लाई की जानी है।
योजना पूरा होते-होते इसकी लागत 4400 करोड़ तक जा पहुंची, जिसमें से 2800 करोड़ रुपये भूमि मुआवजे के तौर पर खर्च हुए हैं। इस गंगा नहर से आगे 1065 किमी की नहरें भी निकाली गई हैं, जिनसे खेतो तक पानी पहुंच रहा है। जब पानी इस नहर में छोड़ा गया तो 14 सिंचाई डिवीजनो के द्वारा हर किमी पर एक जेई की ड्यूटी लगाई गई कि इसका बहाव अवरुद्ध तो नहीं हो रहा। अभी पहले 500 क्यूसेक पानी प्रतिदिन इसमें छोड़ा जा रहा है। पानी छोड़े जाने के वक्त सैकड़ों किसान वहां डटे रहे और खुशी जताई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस नहर में पानी नहीं छोड़े जाने से नाराज थे। उन्होंने पितृ पक्ष से पहले ही इसमें पानी छोड़े जाने के लिए यूपी के प्रमुख सिंचाई अभियंता अनिल कुमार को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान सूखे से परेशान हैं और गंगा में बाढ़ आई हुई है। उन्होंने ये भी कहा कि सरकारी शुभारंभ बाद में होते रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक मध्य गंगा नहर की 66 किमी लंबाई में से अभी 55 किमी में पानी आ गया है, शेष में पानी इसलिए नहीं भेजा गया है क्योंकि अमरोहा रेलवे ब्रिज का निर्माण चल रहा है।
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