पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 1.5 किलो आरडीएक्स और दो पिस्तौल मिली हैं। तीनों आरोपी कनाडा में बैठे गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा और पाकिस्तान में रहने वाले आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा के संपर्क में थे। यह जानकारी पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने दी। पुलिस ने इस नेटवर्क के 25 अन्य गुर्गों की भी पहचान कर ली है। इन सभी की तलाश शुरू कर दी गई है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद इलाके में आईईडी लगाने का मुख्य आरोपी शामिल है। इसकी पहचान तरनतारन के गांव भट्टल सहज सिंह के नछतर सिंह उर्फ मोती के रूप में हुई है। गिरफ्तार अन्य दो आरोपियों की पहचान गांव गंदीविंड निवासी सुखदेव सिंह उर्फ शेरा और तरनतारन के गांव नौशेरा पन्नुआं निवासी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी उर्फ बिल्ला के रूप में हुई है।
पुलिस ने उनके पास से एक आईईडी बरामद किया है। डेटोनेटर के साथ 1.5 किलो वजन का आरडीएक्स, .30 बोर और .315 बोर की दो पिस्तौल, आठ कारतूस और एक बिना नंबर पंजीकृत बाइक बरामद की गई है।
डीजीपी ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि तीनों आरोपी लखबीर के सीधे संपर्क में थे और बड़े पैमाने पर हथियारों, विस्फोटकों और ड्रग्स की जबरन वसूली और सीमा पार से तस्करी में शामिल थे। तरनतारन के एसएसपी रंजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि विश्वासनीय सूचना के बाद सरहली थाने की पुलिस टीम ने नाकाबंदी की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। बाद में नछत्तर सिंह के खुलासे पर पुलिस टीमों ने तरनतारन के रतटोक गांव के बाहर छिपा रखी गई आईईडी भी बरामद की।
एसएसपी ने बताया कि लांडा-रिंदा गिरोह का लगभग 40-50 गुर्गों का नेटवर्क है। इनमें से 25 गुर्गों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया गया है। हथियारों व विस्फोटकों की और बरामदगी की उम्मीद है।
लखबीर सिंह कौन है?
लखबीर सिंह लांडा (33) तरनतारन का रहने वाला है। वह 2017 में कनाडा भाग गया था। उसने ही मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस मुख्यालय पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) आतंकी हमले की साजिश रची थी। वहीं अमृतसर में सब-इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह की कार के नीचे एक आईईडी भी उसी के कहने पर लगाई गई थी। उसे पाकिस्तान स्थित वांछित आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा का सहयोगी माना जाता है। इस गिरफ्तारी से राज्य में त्यौहारी मौसम के दौरान आतंकवाद फैलाने की आशंका निर्मूल हुई है।
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