उत्तराखंड : जब बिना किसी लाव लश्कर के मॉर्निंग वॉक पर निकले सीएम धामी, जनता को हुआ आश्चर्य, सबसे पूछा हाल-चाल

युवा मुख्यमंत्री धामी को जहां भी मौका मिलता है वह जनता के बीच जाकर सीधे संवाद करते हैं  और कामकाज का फीडबैक लेते हैं।

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बागेश्वर  घाटी में  गरुड़ में रात्रि विश्राम करने के बाद सुबह साढ़े पांच बजे मुख्यमंत्री धामी  मॉर्निंग वॉक पर  निकल गए। अपने पुराने सहयोगियों के साथ श्री धामी ने राह चलते लोगो का अभिवादन किया कई महिलाओ ने पीछे मुड़कर आश्चर्य भरी नजरो से भी  देखा कि ये उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ही है या कोई और ? श्री धामी ने स्थानीय चाय की दुकान पर रुक कर वहां लोगो से बातचीत भी की।

सीएम पुष्कर सिंह धामी  के एक के बाद एक बड़े निर्णय से जहां एक ओर उनकी छवि कुशल प्रशासक के रूप में देखने को मिल रही है वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के लगातार पहाड़ी क्षेत्रों के दौरे के के दौरान सादगी के साथ आम जनता से जनसंवाद उनकी मिलनसारिता, संवेदनशीलता और सादगी को दर्शाता है।

सीएम  धामी प्रदेश के पहले ऐसे सीएम हैं जो खुद को मुख्यमंत्री की बजाय मुख्यसेवक कहते हैं।  वे जब भी जिलों में दौरों पर जाते है, बिना लाव लश्कर के प्रोटोकॉल की प्रवाह किए बग़ैर हर समय जनता के बीच मौजूद रहते हैं। युवा मुख्यमंत्री धामी को जहां भी मौका मिलता है वह जनता के बीच जाकर सीधे संवाद करते हैं  और कामकाज का फीडबैक लेते हैं।

ताज़ा मामला मुख्यमंत्री धामी के बागेश्वर दौरे से जुड़ा है।मुख्यमंत्री धामी गरुड़ क्षेत्र में रविवार सुबह भ्रमण के दौरान बड़े ही सरल और सहज स्वभाव के साथ लोगों का अभिवादन स्वीकार कर उनके पास पहुँचे।  बिना किसी क़ाफ़िले के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ऐसे देख आम जनता समझ नहीं पाई कि उनके प्रदेश के मुखिया सुबह सुबह खुद उनके बीच पैदल चलकर आए हैं।  यह पहला मौक़ा नहीं है जब सीएम धामी अकेले सुबह -सुबह जनता के बीच पहुँचे हों,  अक्सर पर्वतीय जनपदों के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री धामी जहाँ रुकते है, वहां सुबह-सुबह मोर्निंग वाॅक पर निकल जाते हैं। इस दौरान वे रास्ते में  लोगों से मिलते हैं, उनका हाल चाल पूछते हैं और फीडबैक भी लेते हैं। उनकी इस अनूठी शैली से वे स्थानीय लोगो से सराहना पा रहे हैं।

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