झारखंड में जिहादी तत्व हिंदू लड़कियों को जलाकर मार रहे हैं, उनके साथ बलात्कार कर रहे हैं, पर राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री पिकनिक मना रहे हैं।
झारखंड में हिंदू बेटियों पर अत्याचार की खबरें अब आम होती जा रही हैं। पिछले दिनों दुमका में अंकिता नामक एक लड़की को शाहरुख और नईम ने जलाकर मार दिया था। अब शहरुद्दीन अंसारी ने एक नाबालिग के साथ बलात्कार किया है। यह घटना झारखंड की राजधानी रांची के नरकोपी थाना क्षेत्र की हैे। हालांकि रांची पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि क्या झारखंड में अब महिलाएं या बच्चियां बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं? क्या झारखंड में अब बेटियों को घर से नहीं निकलना चाहिए?
बलात्कार की घटना ठीक उसी दिन की है, जिस दिन अंकिता ने रांची स्थित रिम्स में अंतिम सांस ली। यानी 28 अगस्त की। इस दिन रांची के नरकोपी में सुबह 10 बजे जनजातीय समाज की 15 वर्षीया युवती के साथ दुष्कर्म किया गया। जानकारी के अनुसार युवती के माता-पिता खेत गए थे और युवती भी नहाने के लिए अपने घर से कुछ दूरी पर एक नलकूप के पास गई थी। उसके नहाने से पहले बहुत तेज बारिश होने लगी, तो वह बचने के लिए एक पेड़ के नीचे खड़ी हो गई। इसी बीच शहरुद्दीन अंसारी की नजर युवती पर पड़ी और वह उसके साथ छेड़खानी करने लगा। अपने आपको बचाने के लिए युवती अपने घर की ओर भागी तो शहरुद्दीन भी उसके पीछे-पीछे उसके घर में घुस गया। वहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद शहरुद्दीन ने युवती को जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि वह इस घटना का जिक्र कहीं न करे।
कुछ देर बाद घटना की जानकारी जब घरवालों को हुई तो मामला पुलिस के पास पहुंचा और पुलिस ने शहरुद्दीन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पुलिस को दिए गए बयान में युवती ने कहा है कि शहरुद्दीन पिछले कई दिनों से उसका पीछा कर रहा था। इसकी सूचना उसने घरवालों को भी दी गई थी। घर वाले भी शहरुद्दीन को मना कर चुके थे, लेकिन फिर भी उसने इस घटना को अंजाम दिया।
रांची के सांसद संजय सेठ ने इस घटना पर कहा है कि अंकिता की चिता अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि नरकोपी में नाबालिग के घर में घुस कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया है। अब ऐसा लग रहा है कि झारखंड में कोई बेटी सुरक्षित नहीं है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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