नैनीताल में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी आदेशों का पालन नहीं होने पर, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने विभिन्न जगहों का दौरा करने का बीड़ा उठाया है। मुख्य न्यायाधीश स्वयं वहां के बाजारों में जाकर प्लास्टिक प्रतिबंध की स्थिति का जायजा लेंगे ।
पहाड़ों में फैल रहे प्लास्टिक कचरे से मुख्य न्यायधीश चिंतित हैं। उन्होंने सरकार से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। साथ ही जिला अधिकारियों से रिपोर्ट भी तलब की है। इतना ही नहीं अपने आदेश में उन्होंने कहा कि वो खुद बाजार में जाकर प्लास्टिक प्रतिबंध की हकीकत को जानेंगे।
नैनीताल हाई कोर्ट में अल्मोड़ा के रहने वाले जितेंद्र यादव ने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण, प्लास्टिक की बिक्री पर प्रतिबंध के बाद भी आदेशों का पालन नहीं होने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है।
जिसपर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्लास्टिक प्रतिबंधों का पालन केवल कागजों में हो रहा है, और हकीकत की जमीन से इसका कोई सहोकार नहीं है। इसलिए न्यायाधीश विपिन सांघी ने कहा कि प्लास्टिक की बिक्री की स्थिति का आकलन वह स्वयं, और उनके अन्य न्यायाधीशों तथा अदालत के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत 8 सितंबर से धानाचूली से की जाएगी। निरीक्षण समिति में हाईकोर्ट न्यायधीश, विधिक सेवा के पदाधिकारी, वकील और जिम्मेदार अधिकारी शामिल रहेंगे ।
वहीं हाई कोर्ट की सख्ती के बाद हल्द्वानी नगर निगम ने गौलापार में कूड़ा घर के कूड़े के निस्तारण के लिए तीन करोड़ का टेंडर एक फर्म को दे दिया है। यह टेंडर कई महीनों से लटका हुआ था। उल्लेखनीय है कि नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय हाई कोर्ट में कूड़ा निस्तारण और प्लास्टिक कचरे पर फटकार खा चुके हैं।
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