भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच 21 दिन से चल रहा संयुक्त युद्धाभ्यास रविवार को ख़त्म हो गया। यूएसए संयुक्त विशेष बल के साथ अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ का 13वां संस्करण हिमाचल के बकलोह स्थित पहाड़ी इलाकों में हुआ। दोनों देशों की सेनाओं ने इस दौरान हवाई संचालन, विशेष संचालन और आतंकवाद विरोधी अभियानों में एक-दूसरे से प्रशिक्षित होने का अभ्यास किया।
भारत-अमेरिकी विशेष बल का यह प्रशिक्षण अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ 2010 से शुरू हुआ था जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। यानी एक साल अमेरिका में तो दूसरे साल भारत में यह संयुक्त अभ्यास होता है। इसका 12वां संस्करण अक्टूबर, 2021 में जॉइंट बेस लुईस मैक कॉर्ड, वाशिंगटन (यूएसए) में आयोजित किया गया था। ‘वज्र प्रहार’ भारत-अमेरिकी विशेष बल का एक संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास है। इसमें अमेरिकी सेना का प्रतिनिधित्व अमेरिकी प्रशांत कमांड के स्पेशल फोर्सेज ग्रुप करते हैं।
इस बार हिमाचल के पहाड़ों पर हुए 21 दिवसीय संयुक्त प्रशिक्षण ने दोनों देशों के विशेष बलों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत एक संयुक्त वातावरण में हवाई संचालन, विशेष संचालन और आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रशिक्षित करने का अवसर प्रदान किया। अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया था। पहले चरण में लड़ाकू कंडीशनिंग और सामरिक स्तर के विशेष मिशन प्रशिक्षण अभ्यास शामिल थे। दूसरे चरण में दोनों दलों ने पहले चरण में हासिल किये गए प्रशिक्षण का प्रदर्शन 48 घंटे के सत्यापन अभ्यास में शामिल किया।
दोनों टुकड़ियों ने पहाड़ी इलाकों में नकली पारंपरिक और अपरंपरागत परिदृश्यों में नकली संचालन की एक श्रृंखला का संयुक्त प्रशिक्षण, योजना और निष्पादन किया। इस दौरान दोनों टुकड़ियों ने मानकों और सर्वोत्तम सैन्य प्रथाओं को साझा करते हुए अभ्यास के प्रति संतुष्टि जताई। वज्र प्रहार अभ्यास वैश्विक पृष्ठभूमि में दोनों राष्ट्रों के सामने मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए महत्वपूर्ण है। संयुक्त सैन्य अभ्यास ने दोनों राष्ट्रों की सेनाओं के बीच दोस्ती के पारंपरिक बंधन और बेहतर द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत किया है।
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