झारखंड में तुष्टिकरण की पराकाष्ठा यह है कि अपराधी मुसलमान हो और पीड़ित हिन्दू हो तो आप न्याय की उम्मीद बिकुल नहीं कर सकते। जो हिन्दू न्याय की बात करता है उसपर दो चार मुक़दमे कर दिए जाते हैं। जब राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके विधायक खूंटी के पास पिकनिक मना रहे थे, ठीक उसी समय रांची के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में एक हिन्दू युवती जीवन की भीख मांग रही थी। लेकिन उसे वह भीख नहीं मिली और आज सुबह दुनिया को छोड़ चली गई। अभी वह केवल 17 वर्ष की थी, 12वीं में पढ़ रही थी। वह दुमका के जरुवाडीह की रहने वाली थी। उसकी मौत का कारण शाहरुख़ हुसैन बना, जो लव जिहादी है। स्कूल आने जाने के दौरान उसने उस लड़की को परेशान करना शुरू किया। लड़की उसकी बात पर नहीं आई तो 23 अगस्त को शाहरुख़ ने उसपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इस घटना में लड़की 90 प्रतिशत तक जल गई।
आनन फानन में घरवालों ने युवती को दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, लेकिन युवती की हालत गंभीर होने की वजह से उसे रांची के रिम्स में रेफर कर दिया गया।युवती के पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बाद भी वे उसे लेकर रांची आ गए। यहाँ 5 दिन इलाज चला और लड़की मौत के सामने हार गई। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इस घटना पर राज्य सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने कोई टिप्पणी तक नही की है। बेशक़ दुमका प्रशासन ने परिवार को 1 लाख रूपए चेक भेज दिया है।
दुमका की पूर्व विधायक लुईस मरांडी ने कहा कि दुमका की बेटी जिंदगी की जंग हार गई, लेकिन सत्ता पक्ष के किसी विधायक या नेता ने पीड़ित परिवार से मिलना भी उचित नहीं समझा। उन्होंने शाहरुख हुसैन को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से सजा दिलाने की मांग की है।
दुमका की युवती के एक परिजन ने बताया कि जिस दिन शाहरुख़ ने युवती को आग लगाई थी उससे 22 दिन पूर्व भी उसने युवती के घर पत्थरबाजी भी की थी। इसकी शिकायत युवती के पिता संजय सिंह ने शाहरुख के घरवालों से की थी, फिर भी शाहरुख अपनी जिहादी मानसिकता से बाज नही आया। यही नहीं उसने युवती के घरवालों को भी जमकर परेशान किया और उनका आना जाना बंद कर दिया। इसमें शाहरुख के घरवालों ने भी उसकी मदद की।
इसका नतीजा यह हुआ एक हिन्दू युवती जिहादियों की भेंट चढ़ गई।
इन बातों को लेकर रांची के एक हिंदू कार्यकर्ता भैरव सिंह से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि झारखंड में लव जिहाद तो चल ही रहा था लेकिन अब कत्ल जिहाद भी शुरू हो गया है। जो लड़कियां इन जिहादियों से दोस्ती से मना कर देती हैं उन्हें जान से मार देने की कोशिश की जा रही है। यही दुमका में भी देखने को मिला है। ठीक इसी तरह का एक मामला हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत देखने को मिला था।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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