उड़ी: ऑपरेशन मृत्युंजय था चुनौतीपूर्ण, आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल कर मारे आतंकी, चीन निर्मित हथियार मिलना चिंता का कारण
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उड़ी: ऑपरेशन मृत्युंजय था चुनौतीपूर्ण, आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल कर मारे आतंकी, चीन निर्मित हथियार मिलना चिंता का कारण

उड़ी सेक्टर के ऑपरेशन में आधुनिक तकनीक की बड़ी भूमिका रही. सेना ने नवीनतम सेंसर तकनीक और निगरानी उपकरणों का उपयोग कर आतंकियों को मार गिराया

by WEB DESK
Aug 27, 2022, 01:56 pm IST
in जम्‍मू एवं कश्‍मीर
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पिछले दिनों उड़ी सेक्टर में सुरक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तीन आतंकियों को मार गिराने में सफलता पाई थी. इस दौरान मुख्‍य बात यह रही कि सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकियों को खोजने और मार गिराने  के लिए हवाई और जमीनी सेंसर सहित सर्विलांस उपकरण और हथियारों का इस्तेमाल किया था. दरअसल बारामूला (वराहमूल) में मीडिया को जानकारी देते हुए 19 इन्फेंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल अजय चांदपुरी ने बताया कि तीन आतंकवादियों के पास से एक चीनी निर्मित एम -16 असॉल्ट राइफल बरामद की गई है। निश्चित ही यह बरामदगी असामान्य है। उन्‍होंने बताया कि मिलिट्री इंटेलिजेंस, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के सूत्रों से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन शुरू किया गया था।

ऑपरेशन मृत्युंजय था चुनौतीपूर्ण

सेना के अनुसार ऑपरेशन बहुत चुनौतीपूर्ण था. हमारे जवानों ने जिस इलाके में ऑपरेशन को अंजाम दिया उसमें घनी झाड़ियां और जंगल का क्षेत्र था। तेज बारिश के चलते मौसम साफ नहीं था। इसके अलावा पूरे क्षेत्र में माइन बिछी हुई थीं। ऑपरेशन को अंजाम देने वाली 8 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राघव ने कहा कि सेक्टर में एलओसी पर तैनात बीएसएफ के जवानों सहित सुरक्षा बलों ने बीते बुधवार को इलाके में संदिग्ध गतिविधियों को देखा। इसी के आधार पर ऑपरेशन मृत्युंजय शुरू किया गया था।

आधुनिक तकनीक ने दिया फायदा

ऑपरेशन में आधुनिक तकनीक की बड़ी भूमिका रही. सेना ने नवीनतम सेंसर तकनीक और निगरानी उपकरणों का उपयोग कर आतंकियों की गतिविधियों का पता लगा लिया था. सुरक्षाबलों की एक टुकड़ी को घुसपैठ के संभावित स्‍थान पर स्थान पर 25 घंटे से अधिक समय तक तैनात रही. 25 अगस्त की सुबह 7 बजे के आसपास आतंकियों को नियंत्रण रेखा पार करते देखा गया। सेना के अनुसार गुरुवार की सुबह करीब 8.45 बजे आतंकी घात लगाकर बैठे दलों से 40-50 मीटर की दूरी पर आ गए, जिन्होंने उन पर गोलियां चला दीं और करीब 15 मिनट की संक्षिप्त मुठभेड़ में तीनों पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया। कर्नल राघव के अनुसार इलाके में तलाशी अभियान अभी भी जारी है। दो एके-सीरीज हथियार, एक चीनी एम-16 हथियार और उनके पास से गोला-बारूद और अन्य चीजें बरामद की गई हैं.

आतंकियों की नहीं हो पाई पहचान

अभी तक मारे गए आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है. दरअसल इन आतंकियों के पास कोई दस्तावेज नहीं था जिसके चलते इनकी पहचान हो सके. सेना का मानना है कि आतंकियों से घुसपैठ के पहले उनकी पहचान उजागर ना होने पाए, इसके लिए उनसे आईडी आदि पहचान की चीजें छीन ली गई होंगी. कर्नल राघव ने कहा कि यह भी पता चला है कि इन आतंकवादियों को घुसपैठ के लिए तैयार किया गया और साथ ही संकेत मिलता है कि उन्होंने औपचारिक सैन्य प्रशिक्षण लिया था।

चीन निर्मित हथियार की बरामदगी चिंता का कारण

घुसपैठ के दौरान आतंकियों के पास से चीनी निर्मित एम -16 असॉल्ट राइफल का मिलना चिंता का कारण है. सेना ने इस बरामदगी को असामान्य बताया है. कहा कि उड़ी के कमलकोट इलाके में भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश के दौरान मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों के पास से एके सीरीज के दो हथियार, एक चीनी एम-16 राइफल और गोला-बारूद बरामद किया गया है।  मेजर जनरल अजय चांदपुरी ने कहा कि आमतौर पर हमें आतंकियों के पास से एके सीरीज और कई बार एम 4 राइफलें मिली हैं, लेकिन इस बार चीन में बनी एम 16 राइफल मिली है। यह 9 एमएम कैलिबर का हथियार है। इसकी बरामदगी सामान्य नहीं है।

घुसपैठ के लिए तैयार बैठे आतंकी

खुफिया इनपुट के अनुसार एलओसी के उस पार लगभग 100-120 आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं. यही नहीं 15-20 लांच पैड्स मौजूद हैं, जो एलओसी के करीब हैं। दरअसल इस समय पाकिस्तानी सेना हताश और निराशा से भरी है. वजह साफ है कि भारतीय सुरक्षा बल उसकी हर हरकत का ना केवल मुंहतोड़ जबाव दे रहे हैं बल्कि नापाक कोशिशों पर पानी फेर देते हैं. लेकिन आधुनिक तकनीक और सतर्कता के चलते घुसपैठ में काफी कमी आई है। आतंकियों का तेजी से सफाया एलओसी पर सैनिकों की तैयारियों के स्तर का स्पष्ट संकेत है।

Topics: उड़ी ऑपरेशन मृत्युंजय था चुनौतीपूर्णआधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल कर मारे आतंकीचीन निर्मित हथियार मिलना चिंता का कारणUri Operation Mrityunjay was challengingterrorists killed using modern technologygetting Chinese made weapons is a cause for concern
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