ग्वालपाड़ा पुलिस ने एक और जिहादी को गिरफ्तार किया है। हफीजुल रहमान बंगाईगांव जिला के कावाइटारी मदरसे का शिक्षक बताया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया है कि बंगाईगांव के मुफ्ती हफीजुर रहमान को गिरफ्तार किया गया है। हाल के दिनों में जिहादियों की यह चौथी गिरफ्तारी है। उसे एक्यूआईएस में भर्ती किया गया था। उसका संबंध अंसारुल बांग्ला टीम (एबीटी) के साथ भी है। रहमान कावाइटारी के मर्काजुल में क्वारियाना मदरसे का शिक्षक है।
पुलिस के मुताबिक निचले असम में जिहादियों ने अपना पूरा जाल फैला रखा है। बुधवार की रात को भी ग्वालपारा पुलिस ने बंगाईगांव पुलिस के साथ मिलकर कुख्यात जिहादी अब्दुस चौहान को जोगीघोपा के बेलताली से गिरफ्तार किया था। अब्दुस चौहान बेलतली स्थित अपने ससुर के घर छिपा हुआ था। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
आतंकवादी गतिविधियों पर लगेगा अंकुश
हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि राज्य सरकार एक पोर्टल विकसित कर रही है, जहां राज्य के बाहर से आने वाले मदरसों के इमाम और शिक्षकों को पोर्टल में अपना विवरण दर्ज करना होगा। दरअसल जिहादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए असम सरकार इस पोर्टल को विकसित कर रही है, ताकि बाहरी लोगों के बारे में पूरी जानकारी मिलती रहे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से भी कहा कि यदि इलाके में कोई ऐसा इमाम आता है, जिसे वो लोग नहीं जानते हैं, तो ग्रामीणों को फ़ौरन इसकी सूचना नजदीकी पुलिस थाने में देनी होगी। इसके बाद पुलिस अज्ञात इमाम की पुष्टि करेगी और उसे रुकने की इजाजत दी जाएगी।
पांच आतंकी अभी भी हैं फरार
कुछ वर्ष पहले 6 बांग्लादेशी आतंकियों ने असम में घुसपैठ की थी। यहां आकर आतंकी राज्य के चार अलग-अलग इलाकों में लोगों को बहकाने में लग गए थे। इस दौरान इनका निशाना खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों पर था। आतंकियों ने कई लोगों को आतंकी संगठन में भर्ती भी किया था और बहुत से लोगों को कटटरपंथ की आग में झोंक दिया। हालांकि जानकारी मिलने पर असम पुलिस ने एक आतंकवादी को दबोच लिया था लेकिन पांच आतंकी अभी भी फरार हैं। गौर करने लायक बात ये है कि इनमें से दो आतंकी पिछले दो-तीन साल से गोआलपारा जिले में ही रह रहे थे। जिस घर में आतंकी रुके थे, उसका भी पता चल गया है।
4 महीने में 23 बांग्लादेशी गिरफ्तार
बीती जुलाई में भी पुलिस ने बरपेटा और मोरीगांव जिलों से आतंकियों के स्लीपर सेल का भंडाफोड़ किया था। इसमें 11 बांग्लादेशियों को मोरीगांव, बारपेटा, गुवाहाटी और गोलपारा जिलों से पकड़ा गया था। खबर है कि इन्हीं में से एक अब्बास अली से पूछताछ के बाद गोआलपारा से दोनों मौलवियों की गिरफ्तारी हुई है। उल्लेखनीय है कि पिछले चार महीनों में बांग्लादेश के करीब 23 जिहादियों की गिरफ्तारी राज्य से हो चुकी है।
एबीटी की जड़े हैं गहरी
आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी ) की जड़ें गहरी हैं। खबरों के मुताबिक आतंकी पाकिस्तान और बांग्लादेश के रास्ते भारत के अलग-अलग इलाकों में घुसपैठ करते हैं। हाल के दिनों में असम इनका प्रमुख ठिकाना बना हुआ है, जहां दूरदराज के इलाकों में इन्होंने गहरी पैठ बनाई हुई है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती और संजीदगी के चलते आतंकी संगठन अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
बांग्लादेश में रची जा रही साजिश
असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंता का कहना है कि असम पुलिस ने अब तक अलकायदा से जुड़े 34 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य की पुलिस कट्टरता विरोधी उपायों को लागू कर रही है। राज्य में आतंकवादी समूहों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरी साजिश असम से बाहर खासकर बांग्लादेश में अल-कायदा द्वारा रची जा रही है, ताकि युवाओं को उकसा कर कट्टरता फैलाई जा सके।
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