इस साल मानसून के दौरान पहाड़ों में हुए भूस्खलन, बादल फटने की घटनाओं में राज्य को जान माल की भारी क्षति उठानी पड़ी है। चुनाव वर्ष होने के कारण सरकार को आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से मदद की जरूरत है।
जानकारी के मुताबिक इस साल की भारी बारिश और बादल फटने से राज्य के पहाड़ी जिलों में 130 सड़के क्षतिग्रस्त हुई है जो कि अभी भी बंद पड़ी हुई है। जिनपर मरम्मत का काम सुस्ती से चल रहा है। आपदा प्रबंध कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में इस साल की बारिश ने 258 लोगो की जान ले ली। 270 मवेशियों की भी मौत मानसून की बारिश की वजह से हुए भूस्खलन ने ले ली।
हिमाचल को आपदा प्रबंध की मदद में केंद्र सरकार से सहायता राशि मिलती है। इस साल अभी तक कुल 190 करोड़ रु ही मिले है जबकि राज्य में आपदा से 1220 करोड़ के नुकसान का अनुमान केंद्र को भेजा गया था। आपदा से 1658 छोटे बड़े मकानों को नुकसान पहुंचा है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्र से और अधिक सहायता की उम्मीद जताई है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह अगले कुछ दिनों में हिमाचल के दौरे पर आएंगे। संभावना है कि इसी दौरे में केंद्र की तरफ से आपदा मद में, हिमाचल को सहायता दिए जाने की घोषणा की जायेगी।
हिमाचल प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने है जिन लोगो पर आपदा का कहर बरसा है उन्हे सरकार की मदद की आवश्यकता हैं। बीजेपी ने अपनी राज्य और केंद्र सरकार के सम्मुख इस विषय को प्रमुखता से रखा है। उम्मीद की जारही है कि सीएम जय राम ठाकुर आपदा प्रभावितों की मदद के लिए रास्ते जरूर खोजेंगे।
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