पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कहा गया फिरोजपुर के एसएसपी कानून-व्यवस्था कायम रखने के अपने कर्तव्य को निभाने में असफल रहे।
जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि ब्लू बुक के अनुसार अधिकारियों के परीक्षण की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजा है।
12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कमेटी में जस्टिस इंदू मल्होत्रा के अलावा एनआईए के डायरेक्टर जनरल, संघ शासित क्षेत्र चंडीगढ़ के डीजीपी, पंजाब के एडीजी (सुरक्षा) और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को शामिल किया गया है। कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया था कि वो प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करें ये बताएं कि क्या चूक हुई। कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया था कि वो ये बताए कि भविष्य में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की सुरक्षा के लिए क्या किया जाए।
बता दें कि 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में गंभीर चुकी हुई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कार्यक्रम में हिस्सा लिए बिना ही वापस लौटना पड़ा था।
वहीं इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि फिरोजपुर के SSP प्रधानमंत्री के यात्रा में सुरक्षा उपलब्ध कराने में विफल रहे। उनके पास वैकल्पिक मार्ग का पर्याप्त समय था। जब प्रधानमंत्री किसी राज्य में जाते हैं तो वहां के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और DGP वहां रहते हैं। लेकिन तीनों वहां से गायब थे। जिस पुल पर काफिला रुका उसके 100 मीटर की दूरी पर आंदोलकारी थे। 10 किमी की दूरी पर पाकिस्तान बॉडर था। वे तोप की रेंज में थे। स्नाइपर की रेंज में थे। वहां से गोला-बारूद चल सकता था। कुछ भी हो सकता था। पंजाब पुलिस मूकदर्शक बनकर 20 मिनट तक खड़ी रही।
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