स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमर बलिदानी सुखदेव थापर की जन्मस्थली नोघरा (लुधियाना) में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री अरुण कुमार ने ध्वजारोहण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. रेशम स्लो ने की। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री अरुण कुमार ने कहा कि संकल्प की पूर्ति के लिए सर्वस्व अर्पित करने वाले अमर बलिदानियों के कारण आज का दिन अति महत्वपूर्ण है।
मोहम्मद बिन कासिम ने 712 ई. में पहली बार हमला किया। तभी से तुर्क, अरब, मंगोलों इत्यादि द्वारा 1000 साल तक आक्रमण होता रहा, लेकिन वे स्थाई विजय प्राप्त न कर सके। ईसाइयत का भी आक्रमण हुआ। पुर्तगाली, फ्रेंच, डच, अंग्रेज भारत में हमलावर के तौर पर आए। देश को आजाद कराने के लिए क्रांतिकारियों ने अपने को ही मिटा दिया।
पंजाब से सुखदेव थापर, भगत सिंह, मदनलाल ढींगरा, उधम सिंह, करतार सिंह सराभा, लाला लाजपत राय ने क्रांति को आगे बढ़ाया। संत समाज, संपादक, लेखक, साहित्यकार, कवि, अध्यापक, विज्ञानी, कलाकार, व्यापारी, किसान सभी देश के लिए लड़े। यह देशव्यापी लहर थी। 1000 साल के लंबे संघर्ष के बाद 1947 में हमने विजय प्राप्त की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।
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