कर्नाटक में मजहबी उन्मादियों के हौसले इस कदर बढ़ चुके हैं कि वे वहां सरकार के हर आदेश, हर कायदे के विरोध में अपनी जिहादी सोच दिखाने लगे हैं। उन्होंने हिजाब को किस तरह सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का औजार बनाया गया था, उसे देश भूला नहीं है। अब वहां सरकार ने स्कूलों में गणेशोत्सव मनाने की अनुमति क्या दी, ये उन्मादी फिर भड़क गए हैं।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ने गणेशोत्सव को एक ऐसा आयोजन बताते हुए स्कूलों में इसे मनाने की इजाजत दी है कि इससे समाज एकजुट होता है। इतना ही नहीं, इसे स्कूलों में आयोजित करने की परिपाटी देश के आजाद होने से पहले से ही चली आ रही है। लेकिन कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश की इसी बात पर मुस्लिम संगठन भड़क गए हैं।
शैक्षणिक संस्थानों में गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति देने पर कट्टर इस्लामी संगठनों ने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। वक्फ बोर्ड ने भी कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। हैरानी की बात है कि बोर्ड ने अब इसकी आड़ में स्कूल-कॉलेजों में नमाज पढ़ने के लिए एक अलग कमरा तथा मुस्लिम पर्व मनाने की अनुमति देने की मांग उठाई है।
कट्टर मजहबी उन्मादी संगठन पीएफआई की छात्र शाखा ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ के प्रदेश अध्यक्ष अठवुल्ला पुंजालकट्टे ने शिक्षा मंत्री के फैसले को एकतरफा बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। उसने ट्वीट करके कहा है कि “शिक्षा मंत्री को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बुनियादी ढांचे की तरक्की पर ध्यान देना चाहिए न कि सांप्रदायिक नीतियों और बयानों पर।”
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मामला तब गर्म हुआ जब दो दिन पहले बेंगलुरु को प्रेस से बात करते हुए शिक्षा मंत्री नागेश ने कहा था कि “स्कूलों को हर साल की तरह इस साल भी गणेश चतुर्थी मनाने की पूरी छूट है। यह एक गैर-पांथिक आयोजन है, जो समाज को एकजुट करता है।” उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले से ही यहां स्कूलों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। गणेशोत्सव इस देश के आजादी के आंदोलन के हथियार के रूप में आरम्भ किया गया था। उससे पहले गणपति पूजा घरों के अंदर की जाती थी। बाल गंगाधर तिलक के आह्वान पर स्कूलों, छात्रावासों तथा सार्वजनिक स्थानों पर गणपति उत्सव मनाए जाने लगे। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है। इसे रोकने का कोई सवाल ही नहीं है।”
बस इस बात से मुस्लिम संगठन भड़के हुए हैं। कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शाफी सादी ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कई मांगे रख दीं। उन्होंने मुस्लिम पर्व मनाने की अनुमति देने तथा स्कूलों में हर रोज नमाज अदा करने के लिए एक अलग कमरा देने की मांग की। इस प्रकरण पर श्रीराम सेना के अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक ने वक्फ बोर्ड के मांगों की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से इस मजहबी मांग को खारिज करने को कहा है। मुतालिक का कहना है, “आज वे स्कूलों में नमाज की अनुमति मांग रहे हैं, कल शुक्रवार की छुट्टी मांगेंगे। इस तरह से स्कूलों के इस्लामीकरण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”
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