जन-जन के आराध्य श्रीकृष्ण कन्हैया ने भादो की अंधेरी रात घर घर अवतरित हुए हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में जैसे ही 12 बजे हर तरफ बधाई गूंजने के साथ घंटे-घड़ियाल और शंखनाद की ध्वनि की गूंज के साथ लीलाधर का प्राकट्य हुआ। भगवान के जयकारे लगने लगे। हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की। हर तरफ जश्न का माहौल था। श्रीकृष्ण जन्मस्थान में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु अपने कान्हा के जन्म के साक्षी बने। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लाखों भक्त इन पलों में ठाकुरजी के दर्शन कर भावविभोर हो गए।
शुक्रवार को लीलाधर भगवान श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव कान्हा की नगरी में धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही पूरे ब्रज में कान्हा के जन्म का उत्साह देखा गया। श्रीकृष्ण जन्मभूमि में पुष्पांजलि कार्यक्रम की शुरुआत कार्ष्णिक गुरूशरणानंद महाराज एवं केबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने ठाकुरजी की आरती कर की। शुक्रवार शाम जन्मभूमि के भागवत भवन पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठाकुरजी की आरती एवं विशेष पूजा-अर्चना की। इसके बाद भागवत भवन में युगल सरकार जब रेशम, जरी, लता-पताओं से सजी श्रीहरिकांता पोशाक पहन इठलाए, तो श्रद्धालु छवि निहार धन्य हो गए। जैसे-जैसे रात गहराती रही, उल्लास चरम की ओर बढ़ता गया। पूरे परिसर में सुगंधित द्रव्य का छिड़काव हुआ। रात 11 बजे भगवान श्री गणेश, नवगृह पूजन और सहस्त्रवाचन के साथ ही लाला के जन्म की तैयारियां तेज हो गईं।
श्रीराम जन्मभूमि निर्माण न्यास और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और कार्ष्णिक गुरुशरणानंद महाराज ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने 12 बजे की ओर इशारा किया, तो कन्हाई के चलित विग्रह को मोरछल आसन पर भागवत भवन लाया गया। रजत कमल पुष्प पर विराजे ठाकुर जी का स्वर्ण मंडित रजत से निर्मित गाय ने दुग्धाभिषेक किया। लाखों की भीड़ इस अद्भुत पल की साक्षी बनी, तो खुशियों की थाह नहीं रही।
इधर, कान्हा ने जन्म लिया और उधर, पूरे ब्रज ने घरों से शंखनाद और घंटा बजाकर उनका जोरदार स्वागत किया। रात डेढ़ बजे तक लाला के दर्शन को पट खुले रहेंगे।
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