मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व की सपा सरकार पर विकास कार्य बाधित करने को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वो (समाजवादी पार्टी) लोगों को बांटते थे इसलिए गोरखपुर के दक्षिणांचल में कम्हरिया घाट पर पुल का विरोध करते थे। हम सब को जोड़ते हैं इसलिए इस घाट पर सेतु बनवाकर दे दिया। इसके साथ ही सरकार फोरलेन का दूसरा पुल भी बनाने जा रही है।
सीएम योगी, सरयू (घाघरा) नदी के कम्हरिया घाट पर बने करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे पुल का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस समय कम्हरिया घाट पर पुल की मांग को लेकर आंदोलन हो रहा था, उस समय संसद चल रही थी। सरयू मैया की कृपा से तब एक बड़ी घटना होने से बच पाई थी। आंदोलन को दबाने के लिए तत्कालीन सपा सरकार ने तमाम अत्याचार किए। तब इस मुद्दे को उन्होंने देश की संसद में उठाया था, देश के सामने इस तथ्य को रखा था कि विकास से कोसों दूर गोरखपुर के दक्षिणांचल के लिए इस पुल का निर्माण अपरिहार्य है।
सीएम ने कहा कि कम्हरिया घाट पर सेतु बन जाने से प्रयागराज, अंबेडकरनगर आजमगढ़ आदि जनपदों की दूरी बहुत सीमित हो जाएगी। बेलघाट, सिकरीगंज और आसपास का यह क्षेत्र गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के साथ भी जुड़कर अब विकास संग कदमताल करेगा। यह दक्षिणांचल विकास से भले ही कोसों दूर रहा लेकिन सांस्कृतिक रूप से यह बेहद समृद्ध क्षेत्र है। क्षेत्र में पड़ने वाले रामजानकी मार्ग को पूर्व की सरकारों ने भुला दिया था। हमारी सरकार जनकपुर से अयोध्या तक को जोड़ रही है और इनके बीच यह दक्षिणांचल क्षेत्र भी बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार दक्षिणांचल के लोगों के विकास व उनकी आर्थिक समृद्धि को लेकर बेहद संवेदनशील है। इसी कारण धुरियापार में बायोफ्यूल प्लांट की स्थापना की जा रही है। यहां किसान पराली व गोबर से भी पैसे कमाएंगे यानी आम के आम, गुठलियों के भी दाम वाली स्थिति होगी।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है हमारे खेतों में चार गुना उत्पादन की क्षमता है लेकिन तकनीक की जानकारी के अभाव में हम उस क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। यदि हम प्राकृतिक खेती को तकनीकी के साथ जोड़कर आगे बढ़ेंगे तो जहां एक एकड़ में 10 कुंतल धान की उपज होती है वहां 40 से 45 कुंतल धान उपजाया जा सकेगा। प्राकृतिक खेती को अपनाने से केमिकल फर्टिलाइजर व पेस्टिसाइड पर खर्च शून्य होगा। कम लागत पर अधिक उत्पादन होगा और कुल मिलाकर प्राकृतिक खेती स्वावलंबन का आधार बनेगी। क्षेत्र के सब्जी उत्पादन, दूध उत्पादन को कम्हरिया घाट सेतु के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों व दुनिया के देशों में पहुंचाया जाएगा। उत्पादों को बाजार मिलने से लोगों के जीवन में समृद्धि आएगी।
उल्लेखनीय है कि घाघरा नदी के कम्हरिया घाट (सिकरीगंज-बेलघाट-लोहरैया-शंकरपुर-बाघाड़) पर पुल का निर्माण 193 करोड़, 97 लाख, 20 हजार रुपये की लागत से हुआ है। कम्हरिया घाट के एक तरफ गोरखपुर और दूसरी तरफ अंबेडकरनगर जनपद स्थित है। इस घाट पर पुल क्षेत्र के लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग थी । पुल के अभाव में इन दोनों जिलों के बीच की दूरी 60 किलोमीटर बढ़ जाती थी। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड ने 1412.45 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण जून 2022 में पूर्ण करा दिया है। इस पुल से करीब 500 गांवों और 20 लाख की आबादी लाभान्वित होगी। इस पुल के बन जाने से गोरखपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़ और संतकबीरनगर ले बीच इंटर कनेक्टिविटी सहज हो गई है।
जौनपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर की यात्रा के लिए दूरी काफी कम हो गई है। इससे लोगों के समय व ईंधन की बचत होगी। सबसे बड़ी सहूलियत आस्था की नगरी प्रयागराज जाने वाले लोगों को होगी। कम्हरिया घाट पुल से होकर जाने में गोरखपुर से प्रयागराज की दूरी 280 किलोमीटर की बजाय अब सिर्फ 200 किलोमीटर होगी।
टिप्पणियाँ