कल सुबह तेजी से हरकत करते हुए इस्राएल ने वेस्ट बैंक में चल रहे 7 फिलिस्तीनी गैर सरकारी संगठनों के कार्यालयों पर छापा मारकर उन्हें सील कर दिया है। वहां की सरकार के अनुसार, कुछ महीने पहले ही इन संगठनों को आतंकी गुट ठहराया गया था। कल तड़के इस्राएली सैनिकों ने इन संगठनों के कार्यालयों पर छापे मारकर वहां से काफी सामग्री जब्त करके उनके मुख्य द्वारों को वेल्ड करके सील कर दिया।
वेस्ट बैंक के गाजा में रामल्लाह षहर में इन संगठनों पर की गई कार्रवाई के बाद इस्राएल ने कहा है कि ये गुट लिबरेषन ऑफ पेलेस्टीन के लिए पापुलर फ्रंट से जुड़े मोर्चों की तरह काम करते हैं। इसलिए वहां की सरकार ने अपनी इस कार्रवाई को उचित ठहराया है। हालांकि यूएन और कई पश्चिमी देशों ने इस्राएल की इस कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।
यूएन की क्षेत्रीय एजेंसियों ने कहा है कि ‘इस्राएली बलों ने वेस्ट बैंक के रामल्लाह में सात फिलिस्तीनी मानवाधिकार और बाल कल्याण संगठनों के कार्यालयों को तोड़ दिया, उनकी तलाशी ली और सील कर दिया’। एजेंसियों के बयान में आगे कहा गया है कि उन संगठनों की संपत्ति को जब्त कर लिया गया, उसे नष्ट कर दिया गया और कार्यालयों को बंद करने के सैन्य आदेश परिसर में चिपका दिए गए।
यूएन की तरफ से यह भी कहा गया है कि इस्राएल सरकार ने इन गैर सरकारी संगठनों को आतंकी गुट ठहराया है, लेकिन इस संदर्भ में यूएन को कोई ठोस सबूत नहीं दिए गए हैं। आगे यूएन एजेंसियों ने कहा कि हम इस्राएल सरकार से ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने का आग्रह करते हैं जो इन संगठनों को उनके महत्वपूर्ण मानवाधिकारों, मानवीय और विकास कार्यों को जारी रखने से रोके।
इसी तरह यूरोपीय संघ के नौ देशों ने कहा है कि वे इस्राएल के उन संगठनों को ‘आतंकी’ बताने वाले आरोपों के पर्याप्त सबूत न होने की वजह से उन समूहों के साथ काम करना जारी रखेंगे।
उधर वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने भी इस्राएली सेना की इस कार्रवाई के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस्राएल ने सात फ़िलिस्तीनी गैर-सरकारी संगठनों के कार्यालयों को बंद करने को लेकर वाशिंगटन को पूरी जानकारी देने का वादा किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने प्रेस से कहा है कि नागरिक संगठनों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए कोई बहुत बड़ी वजह होनी चाहिए और इस्राएल ने कहा है कि उसकी कार्रवाई के पीछे एक बड़ी वजह ही है। नेड ने बताया कि अमेरिकी विदेश विभाग ने इस बारे में इस्राइली सरकार से उच्च स्तर पर बात की है।
नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका इस विषय में पूरी चिंता रखने हुए और जानकारी लेना जारी रखेगा। यहां बता दें कि अमेरिका ने उन सात एनजीओ को न तो कभी फंड दिया है और न ही कभी आतंकी संगठन घोषित किया है।
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