विभाजन : ‘शवों के बीच से सफर’
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

विभाजन : ‘शवों के बीच से सफर’

जब हमारे परिवार को अपनी जन्मभूमि छोड़कर रातोरात भागना पड़ा। जुलाई, 1947 में माहौल बिगड़ गया था। हम पर कई बार हमले हुए। अगस्त, 1947 के प्रारंभ में तो स्थिति और भी खराब हो गई

by पाञ्चजन्य वेब डेस्क
Aug 18, 2022, 12:31 pm IST
in भारत
बद्रीनाथ शर्मा

बद्रीनाथ शर्मा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बद्रीनाथ शर्मा

लच्छीपुर, गुजरांवाला, पाकिस्तान

 

मैं केवल 15 वर्ष का था, जब हमारे परिवार को अपनी जन्मभूमि छोड़कर रातोरात भागना पड़ा। जुलाई, 1947 में माहौल बिगड़ गया था। हम पर कई बार हमले हुए। अगस्त, 1947 के प्रारंभ में तो स्थिति और भी खराब हो गई। इसके बाद गांव के सभी हिंदुओं ने पलायन करना ही ठीक समझा। 8 अगस्त, 1947 को हम लोगों ने गांव छोड़ दिया। पैदल ही निकल पड़े।

रास्ते में लाशें ही लाशें नजर आ रही थीं। हम लोग शवों के बीच से ही सफर कर रहे थे। सोच रहे थे कि जल्दी से गुजरांवाला पहुंच जाएं। वहां से लाहौर जाने वाली रेलगाड़ी में चढ़े। रास्ते में हमले होते थे तो पूरी गाड़ी में चीख-पुकार मच जाती थी।

दूसरे दिन लाहौर पहुंचे। पूरे दिन और पूरी रात लाहौर स्टेशन पर हमारी गाड़ी खड़ी रही। बार-बार मुसलमान आते और गाड़ी पर हमला करते। रात को तो लगा कि अब शायद जिंदा नहीं बचेंगे, लेकिन कहते हैं कि मारने वाले से ज्यादा ताकतवर बचाने वाला होता है।

भगवान की ऐसी कृपा हुई कि सुबह चार बजे तेज वर्षा होने लगी। भीड़ तितर-बितर हो गई और मौका देखकर चालक ने गाड़ी चला दी। सुबह छह बजे हम लोग अटारी पहुंच गए। वहां से लोग अलग-अलग स्थानों के लिए निकल गए। कोई कहीं चला गया, तो कोई कहीं। हमारा परिवार जालंधर पहुंच गया। इसके बाद दिल्ली आ गया।

पास में पहने हुए कपड़ों के अलावा और कुछ नहीं। राहत शिविर में खाना मिल जाता था। हमारे परिवार में सात लोग थे। बाद में हम लोगों ने कुछ काम करना शुरू किया। बरसों बाद ठीक से खाना और कपड़े मिले थे। जब उन दिनों को याद करते हैं, तो आंखें डबडबा जाती हैं और गला रुंध जाता है।

Topics: जन्मभूमि छोड़कर रातोरात भागना पड़ाहिंदुओं ने पलायनरास्ते में लाशें ही लाशें नजर आ रही
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

पाकिस्तान अब अपने वजूद के लिए संघर्ष करता दिखाई देगा : योगी आदित्यनाथ

चंडीगढ़ को दहलाने की साजिश नाकाम : टाइम बम और RDX के साथ दो गिरफ्तार

कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया क्यों चुनी सेना की राह?

“ये युद्धकाल है!” : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से नेपाल सीमा तक अलर्ट, CM ने मॉकड्रिल और चौकसी बरतने के दिए निर्देश

Live: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानिये आज का डेवलपमेंट

पाकिस्तान की पंजाब में आतंकी साजिश नाकाम : हथियार, हेरोइन और ड्रग मनी के साथ दो गिरफ्तार

महाराणा प्रताप: हल्दीघाटी की विजयगाथा और भारत के स्वाभिमान का प्रतीक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies