मॉब लिंचिंग मामले में अलवर(राजस्थान) एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। राजस्थान में अलवर जिले के गोविंदगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रामबास गांव में एक विशेष समुदाय के 20-25 लोगों ने मिलकर एक सब्जी का ठेला लगाने वाले चिरंजीलाल सैनी को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई।
मामला
सूत्रों के अनुसार, मृतक चिरंजीलाल रविवार सुबह करीब 5:00 बजे घर के पास खेत में शौच करने गया था। इसी दौरान अलवर के सदर थाना क्षेत्र से चोर एक ट्रैक्टर को चोरी करके भाग रहे थे। पीछे से स्कॉर्पियो में ट्रैक्टर मालिक व अन्य लोग चोरों का पीछा कर रहे थे। चोरों ने अपने आप को ट्रैक्टर मालिकों से घिरा देख ट्रैक्टर को खेत में खड़ा किया और फरार हो गए। इतने में ही ट्रैक्टर मालिक व उनके साथी आ गए और खेत में चिरंजी को चोर समझकर खेत में ही उसे बेरहमी से पीटा। चीख-पुकार सुनकर लोग भागकर खेत में पहुंचे तो चिरंजीलाल वहां अधमरा पड़ा था। आरोपी भी वही खड़े थे और चिरंजीलाल पर ट्रैक्टर चोरी का आरोप लगा रहे थे। बाद में, प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंच गए और तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने बेहोश पड़े चिरंजीलाल को अस्पताल भेजा। जहां से चिकित्सकों ने उसे प्राथमिक उपचार देकर गंभीर घायल होने के कारण जयपुर रेफर कर दिया इलाज के दौरान चिरंजी ने दम तोड़ दिया। देर रात मृतक का शव लेकर परिजन गांव पहुंचे। चिरंजी की मौत के बाद परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उन्होंने ने आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की।
प्रशासन की लापरवाही
मृतक चिरंजी लाल के पुत्र योगेश ने पुलिस की लापरवाही बताते हुए कहा कि पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह F.I.R का इंतजार करती रही। आरोपी बेखौफ घूमते रहे। वही, आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने का आरोप लगाया। जिस स्थान पर मृतक के साथ मारपीट की गई थी वह पुलिस की नाकाबंदी स्थल से महज 200 मीटर दूरी पर था लेकिन पुलिसकर्मी पीड़ित की चीख नहीं सुन पाएं जबकि गांव के लोग उसी चीख को सुन कर खेत में आएं थे। पुलिस घटनास्थल पर करीब 30 मिनट बाद पहुंची 14 अगस्त को पुलिस ने मारपीट में शामिल ट्रैक्टर मालिक को बिना पूछताछ के छोड़ दिया। करीब 2 घंटे तक आरोपी थाने में घूमते रहे।
मृतक चिरंजीवी 11 सदस्यों के परिवार में अकेला कमाने वाला शख्स था जो सब्जी बेच कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। पीड़ित पक्ष और उसके रिश्तेदार इलाज के लिए गए हुए थे इस स्थिति में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी। सोमवार को रिपोर्ट दर्ज कराई गई। योगेश ने सोमवार को गोविंदगढ़ थाने में ट्रैक्टर मालिक विक्रम खान और हत्या में शामिल 15 से 20 आदमियों की ओर से लाठी फर्सा और सरिए से पिता चिरंजीलाल के साथ मारपीट करने का मामला थाना में दर्ज करवाया। पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149 और 302 में मामला दर्ज कर जांच गोविंदगढ़ थाना अधिकारी को दे दी है और इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
गहलोत सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति से राजस्थान में जंगलराज काबिज
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति का ही परिणाम है कि राज्य में जंगलराज काबिज हो गया है। पहले उदयपुर में कन्हैया लाल, फिर दलित छात्र की मौत और अब मॉब लिंचिंग में चिरंजी लाल की हत्या का मामला सामने आ गया है। इस तरह की घटनाओं से आम आदमी के मन में राजस्थान की कानून व्यवस्था से विश्वास उठता जा रहा है और हिंदूओं के मन में डर का आतंक बैठता जा रहा है। राजस्थान में दिन-प्रतिदिन अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस पर भी अगर गहलोत सरकार ने लगाम नहीं खींची तो राज्य में संवैधानिक अव्यवस्था फैलते देर न लगेगी। गोविंदगढ़ और रामबास के बाजार इसी कारण बंद रहे। आक्रोशित लोगों ने मंगलवार की सुबह रामबास और गोविंदगढ़ मार्ग पर जाम लगा दिया। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं आक्रोशित लोगों ने गोविंदगढ़ थाने का घेराव किया। जिसके बाद पुलिस ने चिरंजी की मौत के मामले में मंगलवार रात 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
भारतीय जनता पार्टी का गहलोत सरकार पर हमला
भाजपा ने गोविंदगढ़ में चिरंजी लाल सैनी की मॉब लिंचिंग में हुई हत्या की भर्त्सना की। बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष डॉ अरूण चतुर्वेदी ने गहलोत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। उससे आम आदमी अंदर से डरा हुआ है और विशेष समुदाय इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। बीजेपी ने कहा कि प्रदेश में गहलोत सरकार बनने के बाद वर्ग विशेष के लोग मॉब लिंचिंग की घटना को अंजाम दे रहे हैं सरकार उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती । तथाकथित मानव अधिकारों की बात करने वाले नेता और संगठन आज मौन है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि अलवर में जो घटनाएं हुई वह प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है और लगातार प्रदेश में इस तरह की घटनाएं हो रही है यह सरकार की प्रशासनिक तंत्र की कमजोरियों को दिखाता है । पुनिया ने कहा बड़ा मसला तुष्टीकरण का भी है यह प्रश्न बार बार खड़ा होता है कि जब भी कांग्रेस की सरकार आती है तो वर्ग विशेष के लोग मॉब लिंचिंग में क्यों शामिल होते हैं । अभी भी समय है प्रदेश की सुख-शांति के लिए सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार कानून व्यवस्था की समीक्षा करें । पुलिस को संसाधन उपलब्ध करवाएं और राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं करें नहीं तो प्रदेश शांति पूर्ण प्रदेश की बजाय अशांति वाला प्रदेश बन जाएगा। जिससे समाज में सामाजिक सद्भाव बिगड़ेगा। पुनिया ने कहा इस तरह की मॉब लिंचिंग की घटना से पर्यटन पर असर होगा । इस तरह की घटनाएं होंगी तो सरकार इंटरनेट बंद करती रहेगी इससे करोड़ों रुपयों का नुकसान भी होगा। सरकार को चाहिए कि घटना पर गंभीरता से बिना किसी भेदभाव के कार्यवाही करें और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दे।
लेखिका वर्तमान में स्वतंत्र लेखन एवं अनुवाद में सक्रिय हैं।
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