गांव-गरीब व किसान प्राथमिकता
Monday, February 6, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • My States
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • My States
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

गांव-गरीब व किसान प्राथमिकता

गांव, गरीब और किसान हमेशा से श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्राथमिकताओं में रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अटलजी के जिस काम को सबसे ज्यादा अहम माना जा सकता है वह सड़कों के माध्यम से भारत को जोड़ने की योजना है। पांचजन्य ने अटल बिहारी वाजपेयी जी पर संग्रहणीय विशेषांक प्रकाशित किया था। इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी का लेख प्रकाशित हुआ था। यह लेख फिर से प्रकाशित किया जा रहा है।

नितिन गडकरी by नितिन गडकरी
Aug 16, 2022, 11:52 am IST
in भारत
भारत रत्न अटल जी

भारत रत्न अटल जी

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

अटल बिहारी वाजपेयी जी सदैव कहा करते थे कि देश में स्वराज को सुराज में बदलकर सुशासन लाना संभव है। गांव, गरीब और किसान हमेशा से श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्राथमिकताओं में रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में अटलजी के जिस काम को सबसे ज्यादा अहम माना जा सकता है वह सड़कों के माध्यम से भारत को जोड़ने की योजना है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को लागू करने में कई तरह की अड़चनें आईं, लेकिन उसकी परवाह नहीं करते हुए उन्होंने इस योजना को लागू कराकर ही दम लिया। यदि मुद्दा विकास से जुड़ा है तो वे कठोर निर्णय लेने से कभी नहीं हिचके। उनकी दूरदर्शिता, नेतृत्व क्षमता के कारण देश के विकास को नई दिशा मिली। वास्तव में अटलजी कुशल राजनेता थे।

स्वाधीनता के बाद पहली बार वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सोच का भारत बनाने का काम प्रारंभ किया गया। अटलजी की तरफ से गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जिस प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की बुनियाद डाली गई, उस काम को आज हमें ‘भारत के विकास का राजपथ’ कहने में गर्व महसूस होता है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे राष्ट्र के दो महान चिंतकों महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की परिकल्पना को साकार करने वाली सोच को धरातल पर अमलीजामा पहनाने वाली योजना बनाने का जिम्मा मिला। दूरद्रष्टा अटलजी की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आज गांवों की तस्वीर और तकदीर बदलने वाली साबित हो रही है। वे जब देश के प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सबसे पहला काम सम्पर्क विहीन गांवों पर ध्यान केन्द्रित करने का किया। किसी को अचरज होना स्वाभाविक है कि स्वाधीनता के पांच दशक बाद भी देश की 40 प्रतिशत आबादी के लिए सड़कें नहीं थीं।

वाजपेयी जी ने 1999 में मुझे दिल्ली बुलाया और अपनी यह सोच साझा की। उन्होंने इस अपेक्षा के साथ यह जिम्मेदारी दी कि ‘यह काम जितना जल्दी हो सके, प्रारंभ कर दिया जाए।’ ग्राम सड़क योजना के लिए उनकी निगरानी में कमेटी गठित की गई और उसका चेयरमैन मुझे बनाया गया। मेरी अध्यक्षता में जनवरी 2000 में तत्कालीन वित्त मंत्री श्री यशवंत सिन्हा, ग्रामीण विकास मंत्री श्री सुंदरलाल पटवा, शहरी विकास मंत्री श्री जगमोहन, योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री के.सी.पंत की उपस्थिति में पहली बैठक हुई, जिसमें ग्राम सड़क योजना का खाका तैयार किया गया। उस बैठक में मेरी तरफ से महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम द्वारा किए गए कार्यों की संक्षिप्त प्रस्तुति दी गई। इसके बाद 8 फरवरी और 28 फरवरी 2000 को दूसरी-तीसरी बैठक हुई। कमेटी की चौथी बैठक 2 मई, 2000 को हुई, जिसमें सभी पहलुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श कर योजना को अंतिम रूप दिया गया। यह रिपोर्ट तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी जी को सौपी गई और 25 दिसम्बर, 2000 को देश को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का उपहार मिला। मुझे याद है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रारूप बनकर जब अटलजी के सामने आया तब एक प्रश्न यह खड़ा किया गया कि इसके लिए धन कहां से आएगा। अटलजी ने इसका समाधान जानना चाहा, तब मैंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए धन जुटाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने का सुझाव दिया। मैंने अटलजी से कहा कि आप इस पर निर्णय करिए, क्योंकि यह देश की तकदीर और तस्वीर बदलने का मौका है। इससे पीछे नहीं हटना चाहिए। मेरा यह सुझाव अटलजी को उपयुक्त लगा और उन्होंने तत्काल इसे लागू करने का निर्णय ले लिया। पेट्रोलियम पदार्थों पर सेस लगाने का सुझाव इतना कारगर रहा कि इसे राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए धन मुहैया कराने पर भी लागू कर दिया गया। वाजपेयी जी के समग्र विकास की सोच यही नहीं थमी, उन्होंने गांवों को सड़कों से जोड़ने की योजना प्रारंभ करने के तत्काल बाद देश के राष्ट्रीय राजमार्गों को समृद्धशाली बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का काम 2014 के बाद फिर गतिशील हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार एकबार फिर महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सपनों का भारत गढ़ने की दिशा में बढ़ चली।

वाजपेयी जी बहुत दूरदर्शी थे। वे जानते थे कि देश को किस तरह से विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने सड़क विकास के साथ जल प्रबंधन के लिए देश की नदियों को आपस में जोड़ने की अभिनव पहल की थी। देश को कभी जल समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए उन्होंने नदियों के बीच समन्वय बिठाने की योजना बनाई। अटलजी के इस प्रयोग को हमने आगे बढ़ाने की कोशिश की है। केन-बेतवा और दमनगंगा-पिंजल तथा पार-तापी-नर्मदा नदियों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर राज्यों के बीच काफी हद तक सहमति बन गई है। हमारे मंत्रालय द्वारा नदियों का उपयोग जल परिवहन में करने की दिशा में भी प्रयास किया गया।

अटलजी की जल प्रबंधन की सोच ही हमारे लिए गंगा की निर्मलता और अविरलता की प्रेरक बनी। अटलजी हमेशा कहा करते थे कि हमारे विकास की जो योजना बने वह भारतीय संस्कृति और सभ्यता के अनुरूप होनी चाहिए। हमारी सरकार उसी अवधारणा पर गंगा को निर्मल बनाने का कार्य कर रही है। अटलजी भारतीय राजनीतिक पटल पर ऐसा नाम है, जिन्होंने अपने कर्तत्व व कर्तत्व से व्यापक स्वीकार्यता और सम्मान हासिल किया। उन्होंने राजनीति को दलगत और स्वार्थ की वैचारिकता से अलग हटकर अपनाया। जीवन में आने वाली हर विषम परिस्थितियों और चुनौतियों को स्वीकार किया। उनकी दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति ने उन्हें अटल स्तंभ के रूप में अडिग रखा। अटलजी का ओजस्वी, तेजस्वी और यशस्वी व्यक्तित्व सदा देश के लोगों का मार्गदर्शन करता रहेगा।

(लेखक, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री हैं )

Topics: Nitin Gadkariअटल बिहारी वाजपेयीभारत रत्न अटल जीatal bihari vajpayeeअटल जीनितिन गडकरBharat Ratna Atal ji
ShareTweetSendShareSend
Previous News

देश की पहली शाकाहारी ट्रेन बनी दिल्ली-कटरा वंदे भारत एक्सप्रेस

Next News

‘टीपू सुल्तान सेना’ ने फाड़ दिया सावरकर का चित्र, शिवमोगा में तनाव

संबंधित समाचार

सत्य, सरोकार और संस्कृति

सत्य, सरोकार और संस्कृति

सुशासन 2.0

सुशासन 2.0

सुशासन के लिए अमृत महोत्सवी संकल्पों के अटल मायने

सुशासन के लिए अमृत महोत्सवी संकल्पों के अटल मायने

समाज का हित ही लेखनी का ध्येय

समाज का हित ही लेखनी का ध्येय

मन की बात : भारतीय इतिहास का काला अध्याय आपातकाल, छीन लिया था जीवन का अधिकार – प्रधानमंत्री

मन की बात : वाजपेयी ने हर क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया – प्रधानमंत्री

अटल जी ने भारत को दी स्थिर राजनीति : योगी

अटल जी ने भारत को दी स्थिर राजनीति : योगी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पद्म पुरस्कार 2023 : राष्ट्रभक्त लेखक, समाज-चिंतक

पद्म पुरस्कार 2023 : राष्ट्रभक्त लेखक, समाज-चिंतक

बदल रहा है भारत का ऊर्जा क्षेत्र, निवेश की हैं अपार संभावनाएं : प्रधानमंत्री

बदल रहा है भारत का ऊर्जा क्षेत्र, निवेश की हैं अपार संभावनाएं : प्रधानमंत्री

पद्मभूषण सम्मान : सांस्कृतिक परंपराओं के मर्मज्ञ

पद्मभूषण सम्मान : सांस्कृतिक परंपराओं के मर्मज्ञ

ईरान में मेडल लेने के लिए भारत की बेटी तान्या हेमंत को हिजाब पहनने के लिए किया गया मजबूर

ईरान में मेडल लेने के लिए भारत की बेटी तान्या हेमंत को हिजाब पहनने के लिए किया गया मजबूर

सोनिया को विदेशी कहने वाले तारिक अनवर मुझसे पूछ रहे सवाल ? नोटिस के जवाब में बोलीं कांग्रेस सांसद परनीत कौर

सोनिया को विदेशी कहने वाले तारिक अनवर मुझसे पूछ रहे सवाल ? नोटिस के जवाब में बोलीं कांग्रेस सांसद परनीत कौर

पद्म पुरस्कार 2023 : घोल से बजा प्रसिद्धि का ढोल

पद्म पुरस्कार 2023 : घोल से बजा प्रसिद्धि का ढोल

PFI के खिलाफ NIA और ईडी की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, 10 राज्यों में मारा छापा, 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार

NIA ने फुलवारीशरीफ में PFI के आठ ठिकानों पर की छापेमारी, दो गिरफ्तार

आखिर लता मंगेशकर ने क्यों नहीं की थी शादी?

बुखार में भी की गीत की रेकॉर्डिंग, स्वरों का ऐसा जादू कि लता दी बनीं सर्वश्रेष्ठ गायिका, जानिये मिले और कौन से पुरस्कार

शादी में दावत के लिए की गौवंश की हत्या, 10 आरोपियों को भेजा गया जेल

बरेली : मंत्री की हिदायत के बाद पुलिस-प्रशासन सख्त, तीन दिन में 125 गौ तस्करों को भेजा जेल

अमृतकाल का पहला बजट  : विकसित भारत की नींव

अमृतकाल का पहला बजट  : विकसित भारत की नींव

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • लव जिहाद
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies