भारत में एक बड़ा वर्ग है जो लव जिहाद अर्थात मुस्लिम युवकों द्वारा गैर मुस्लिम समुदाय की लड़कियों को योजनाबद्ध तरीके से प्यार में फंसाने की समस्या को समस्या मानता ही नहीं है, बल्कि यह कहकर उसे नकारने का प्रयास करता है कि यह और कुछ नहीं है बल्कि मुस्लिमों के विरुद्ध एक टूल है, अर्थात एक उपकरण है। परन्तु बीच-बीच में पूरे विश्व से ऐसे समाचार आते हैं कि मुस्लिम पुरुष कैसे दूसरे मत, सम्प्रदाय की लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं और कैसे उनका दुरुपयोग करते हैं। और फिर निकल आता है “लव जिहाद” का वह जिन्न पूरी दुनिया के सामने जिसे इस्लामोफोबिया के नाम पर भारत में अनदेखा किया जाने का कुप्रयास किया जाता है।
बात करते हैं ग्रीस में हो रहे लव जिहाद की! ग्रीस में भी मामले सामने आ रहे हैं। पाकिस्तानी मुस्लिम लड़के ग्रीस की लड़कियों को प्यार के नाम पर फंसा रहे हैं और हाल ही में एक ऐसी घटना हुई है, जिसमें एक पाकिस्तानी लड़के ने कथित रूप से अपनी ग्रीक प्रेमिका की हत्या कर दी।
#Greece is now facing ”Love Jihad” by Pakistanis!
In the name of love, Muslim boys were trapping #Hindu girls in #India-This happened in Kerala, Uttar Pradesh and other states of India.
Greece is now facing same Love Jihad by #Pakistanishttps://t.co/m8D1YzzpL7
— Andreas Mountzouroulias 🇬🇷 (@andreasmoun) August 3, 2022
एक और बात आम है इस मामले में कि इसमें भी लड़की की उम्र 17 वर्ष है अर्थात वह अभी किशोरी ही है। इसीलिए इसे ग्रूमिंग जिहाद की संज्ञा दी जा सकती है।
ग्रीस सिटी टाइम्स लिखता है कि 17 वर्ष की निकोलेटा की हत्या अत्यंत नृशंसता के साथ कथित रूप से उसके 30 वर्ष के आशिक सानी के हाथों कर दी जाती है। वह लड़की उस पाकिस्तान युवक के साथ अपने पिता के मना किए जाने के बाद भी रिश्ते में थी। फिर यह लिखता है कि एथेंस की गलियों में कोई भी शुक्रवार या शनिवार की रात जा सकता है और निकोलेटा जैसी किशोरियों को उनके युवा पाकिस्तानी आशिकों के साथ देखा जा सकता है और जो यह बताने के लिए पर्याप्त है कि पाकिस्तान से लव जिहाद ग्रीस में पहुंच चुका है।
परन्तु मीडिया या कहें वामपंथी कथित बुद्धिजीवी एवं लेखक, पत्रकार वर्ग है जो इस बात को मानने से इंकार करता है कि ऐसा भी कुछ होता है और वह इसे मात्र मुस्लिमों के साथ किया गया एक छलपूर्ण कृत्य बताता है और ऐसा प्रचारित करने का प्रयास करता है कि भारत में कथित रूप से अल्पसंख्यक मुस्लिमों के साथ ऐसा हो रहा है। परन्तु वह ऐसा स्थापित करने में इस तथ्य को संज्ञान में नहीं लेता है कि भारत में बौद्ध एवं सिख भी अल्पसंख्यक हैं, जिनकी लड़कियों के साथ भी मुस्लिम युवक यही खेल खेलते हैं, जैसा कुछ बौद्ध संगठनों ने लद्दाख में यह दावा किया था। बीबीसी के अनुसार लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन ने वर्ष 2017 में यह दावा किया था कि बौद्ध लड़कियों को मुस्लिम लड़के प्यार के जाल में फंसाकर उन्हें मुस्लिम बना रहे हैं।
वहीं यह भी ध्यान रखा जाए कि केरल में ईसाई भी लगातार इस प्रकार की बातें कर रहे हैं कि उनकी लड़कियों को मुस्लिम युवक प्रेम जाल में फंसाकर उन्हें मुस्लिम बना रहे हैं, वह बात दूसरी है कि भारत में इस विषय में किसी भी गैर-मुस्लिम धर्म के लोगों की पीड़ा न ही मीडिया और न ही कथित बुद्धिजीवी विमर्श का हिस्सा बन पाती है यह अत्यंत दुखद है।
परन्तु ग्रीस में इस समस्या को समझा जा रहा है और साथ ही यह भी जाना जा रहा है कि एथेंस से दो साल पहले इस्लामी कट्टरवाद एवं जिहादवाद को मिटाने के बाद, पाकिस्तानी युवकों के ग्रीस की राजधानी में प्रवेश के बाद जिहाद अब दूसरे रूप में प्रस्तुत हो गया है। वहीं डायरेक्टस (directus ) लिखता है कि वह अर्थात पाकिस्तानी युवक ग्रीस की लड़कियों को प्यार के नाम पर फंसाते हैं।
यह भी एक षड्यंत्र ही है क्योंकि भारत में भी यह देखा गया है कि वह किशोर उम्र की लडकियां जिन्हें न ही सांस्कृतिक और न ही धार्मिक अवधारणात्मक अंतर पता होते हैं और जिन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं होता है, जिनके सामने इतिहास में उनके समुदाय पर मुस्लिम आक्रमणकारियों ने क्या अत्याचार किये, यह जानकारी नहीं होती है, तो वह उनके जाल में अधिक तेजी से फंस जाती हैं। और जैसा हमने भारत में भी देखा है कि जब तक उनके सामने सच्चाई आती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
परन्तु यह अत्यंत दुर्भाग्य का विषय है कि जो मीडिया मुस्लिम लड़के और हिन्दू लड़की के मामले में बार-बार पसंद की आजादी का उल्लेख करते हुए हिन्दुओं को पिछड़ा आदि बताता रहता है, और हिन्दू लड़कियों को उकसाता है, वहीं वह उन में से एक भी मामले के लिए मुंह नहीं खोलता है, जो कहीं न कहीं उसके बाद मजहबी हिंसा का शिकार होती हैं।
उस हिंसा को मात्र मियाँ-बीवी के आपसी झगड़ा बताकर बड़े खतरे को छिपाने का प्रयास किया जाता है, जिससे षड्यंत्र उजागर नहीं हो पाता है और मात्र घटना ही सामने आ पाती है, फिर से एक और लड़की तैयार हो जाती है उस जाल में फंसने के लिए। जिस लड़की के घरवाले मुस्लिम युवकों के साथ शादी से मना करते हैं, उन्हें ही खलनायक बनाकर प्रस्तुत किया जाता है और मुस्लिम युवकों के साथ प्रेम प्रसंग को “कूल और प्रगतिशील” बताया जाता है।
ग्रीस में भी इस लड़की के पिता को इस रिश्ते से आपत्ति थी और उन्होंने अपनी बेटी को उस मुस्लिम युवक से दूर रहने के लिए कहा था, परन्तु लड़की ने उनकी बात नहीं मानी एवं रिश्ता बनाए रखा। लड़की के पिता का आरोप है कि यह हत्या उनकी बेटी के पाकिस्तानी आशिक ने की है क्योंकि वह उस घटना के बाद से ही फरार है। निकोलेटा की मां को सोमवार दोपहर को लगा कि उनकी बेटी के साथ कुछ तो गलत है क्योंकि वह बार-बार उसे फोन कर रही थी, मगर उन्हें उत्तर नहीं मिला। फिर वह लोग रात को 8 बजे उसके अपार्टमेंट में गए तो उन्होंने देखा कि उनकी 17 साल की बेटी मरी पड़ी है और उसके हाथ पर घाव हैं एवं उसका पायजामा आधा उतरा हुआ है।
फ्रीप्रेस के अनुसार पुलिस को अभी तक कई ऐसे मेसेज उस लड़की के फोन से मिले हैं, जो उस पाकिस्तानी ने भेजे थे हालांकि अभी तक पुलिस की ओर से विस्तृत जांच रिपोर्ट नहीं आई है।
ग्रीस सिटी टाइम्स यह भी लिखता है कि पिछले दिनों में पाकिस्तानियों द्वारा कई अपराधों में वृद्धि देखी गयी है। उसके अनुसार सेरिफोस में कथित रूप से दो पाकिस्तानियों ने एक महिला का बलात्कार किया था और फिरौती के लिए तीन अफगानिस्तानियों को चार पाकिस्तानियों ने अपहृत कर लिया था। ग्रीस में पाकिस्तानी पुरुषों द्वारा महिलाओं के साथ बलात्कार एवं शोषण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
Another day in Athens, and another case of a Pakistani raping Greek women and children. https://t.co/xG3AgFkxR0
— Paul Antonopoulos 🇬🇷🇨🇾 (@oulosP) December 15, 2020
ग्रीस सिटी टाइम्स के अनुसार वर्ष 2015 से ग्रीस में पाकिस्तान और अफगानिस्तान से शरणार्थी आ रहे हैं और वह सीरियाई शरणार्थी के रूप में आ रहे हैं, जिसमे तुर्की उन्हें रोकने के स्थान पर बढ़ा रहा है। जैसे-जैसे ग्रीस में पाकिस्तानी और अफगानिस्तानी शरणार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे वहां पर महिलाओं के साथ अपराधों की संख्या बढ़ती जा रही है।
तो क्या यह एक प्रकार का जिहाद ही है जैसा इसी वेबसाइट के अनुसार तुर्की ने नब्बे के दशक में कहा था कि “हमें ग्रीस के साथ किसी भी प्रकार के युद्ध की आवश्यकता नहीं है, हमें मात्र कुछ लाख शरणार्थी भेजने हैं और तुर्की समाप्त हो जाएगा!” तो ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या वास्तव में सैकड़ों वर्ष पूर्व इस्लामी कट्टरता और जिहाद को अपनी धरती से मिटाने वाले ग्रीस पर फिर से जिहाद का खतरा मंडरा रहा है?
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