उत्तर कोरिया ने रूस को एक लाख सैनिक और युद्ध से हुए ढांचागत निर्माण के लिए बिल्डर भेजने की बात की है। इससे संकेत मिलता है कि अब रूस-यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया भी उतरने को बेताब है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन यूक्रेन के दो इलाकों में तैनात रूसी सेना की मदद के लिए अपने एक लाख सैनिकों को भेज सकते हैं। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर किम ने ऐसा कदम उठाने के पीछे मांगा क्या है।
उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन के बीच 160 से ज्यादा दिन से युद्ध जारी है। दोनों पक्षों के अलग अलग दावों के बावजूद युद्ध की तीव्रता थमने का नाम नहीं ले रही है। मीडिया समाचारों के अनुसार, युद्ध में अब तक बड़ी तादाद में रूसी सैनिक मारे गए हैं। ऐसे में बताते हैं, रूस ने उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग से सैनिक भेजने को कहा है। रूस की ओर से कथित तौर पर इसके बदले तानाशाह के देश को कच्चा तेल और अनाज दिया जाएगा। अभी तक मिले समाचारों के अनुसार, उत्तर कोरिया अपने सैनिक भेजने को राजी हो गया है।
इस समाचार के संबंध में समाचार एजेंसी रेग्नम की रिपोर्ट है कि उत्तर कोरिया ने राजनयिक सूत्रों के जरिए साफ जता दिया है कि वह युद्ध में हुए नुकसान की मरम्मत के लिए अपने बिल्डर भी भेजेगा। उत्तर कोरिया से जाने वाले सैनिक उन लुहांस्क और दोनेस्क इलाकों में रूस के समर्थन से काम कर रही अलगाववादी सेना की मदद करेंगे। बता दें कि यूक्रेन के उक्त दोनों इलाकों को पिछले दिनों उस तानाशाह किम जोंग ने स्वतंत्र ‘देश’ के नाते मान्यता दी है जिन्हें खुद दुनिया के ज्यादातर देश मान्यता नहीं देते।
समाचार एजेंसी रेग्नम का कहना है कि उत्तर कोरिया लगभग एक लाख सैनिक भेजने के रास्ते अपनी ढहती अर्थव्यवस्था को थामने और भूखे देष के लिए अन्न की पूर्ति की उम्मीद लगा रहे हैं। रूस के प्रमुख रक्षा विशेषज्ञ कर्नल इगोर कहते हैं कि हमें किम जोंग के मदद के हाथ को थामने में कोई हिचक नहीं दिखानी चाहिए। वे कहते हैं कि अगर उत्तर कोरिया के सैनिक अपनी आर्टिलरी, प्रतिरोधी बैटरी वारफेयर तथा मल्टीपल लॉन्च रॉकेटों के अनुभव के साथ इस युद्ध में जुड़ना चाहते हैं कि तो हमें उन्हें स्वीकार कर लेना चाहिए।
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