बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के पैरा-पावर लिफ्टिंग मुकाबले में हरियाणा के लाठ के रहने वाले सुधीर ने स्वर्ण पदक जीत देश की शोहरत का झंडा और ऊंचा कर दिया है। सात समंदर पार भारतीय मिट्टी की खुशबू बिखेरने वाले गोल्डन ब्वाय सुधीर ने स्वर्ण पदक जीतकर तिरंगा फहराया और कहा कि विश्व विजयी तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। इस विशेष सौगात के भारत के अमृत महोत्सव में चार चांद लगे हैं।
HISTORIC GOLD FOR INDIA 🔥🔥🔥
Asian Para-Games Bronze medalist, #Sudhir wins 🇮🇳's 1st ever GOLD🥇 medal in Para-Powerlifting at #CommonwealthGames with a Games Record to his name 💪💪
Sudhir wins his maiden 🥇 in Men's Heavyweight with 134.5 points (GR) at CWG#Cheer4India
1/1 pic.twitter.com/cBasuHichz— SAI Media (@Media_SAI) August 4, 2022
सुधीर का जीवन
पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले सुधीर ढोचक, हरियाणा के जिला सोनीपत के गांव लाठ के रहने वाले हैं। 27 जुलाई 1993 को इसी गांव में सुधीर का जन्म हुआ। इनके पिता स्वर्गीय राजबीर सिंह और माता सुमित्रा हैं। उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव कटवाल के सरस्वती स्कूल से हुई। उन्होंने बीटेक तक की पढ़ाई की।
खेल का सफर
जब तीन साल की उम्र थी तो पैर में गलत इंजेक्शन लगने से विकलांगता आ गई। लेकिन इस नौजवान ने अपने जिंदगी के इस सफर में उत्साह के साथ खेत में भी पसीना बहाया, खेल के मैदान में जोर आजमाइश की। वर्ष 2013 से खेल का सफर आरंभ कर दिया। वर्ष 2014 से लगातार स्वर्ण पदक विजेता रहे। जबकि दो बार 2020 व 2021 में सुधीर को स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया के खिताब से नवाजा गया।
वर्ष 2017 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में दुबई में रजत पदक, वर्ष 2018 एशियन गेम्स जकार्ता में कांस्य पदक, 2022 जून में एशियन चैंपियनशिप में साउथ कोरिया में कांस्य पदक जीता। हरियाणा सरकार ने एक करोड रुपए का सम्मान दिया। सीनियर कोच के पद पर जींद में कार्य कर रहे हैं। अपने चार भाइयों में सुधीर सबसे बड़े हैं।
खुशी से झूम उठा गांव
सुधीर के गोल्ड मेडल जीतने की खबर सुनकर पूरे गांव में खुशी का माहौल है। लोग जश्न मना रहे हैं और एक-दूसरे को मिठाइयां खिला रहे हैं। भाई जसवंत ने कहा कि मेरे बड़े भाई ने कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीता जो लगातार मेहनत के बाद उन्हें मिला है। हमें गर्व है अपने भाई सुधीर पर। उसपर करोड़ों देशवासियों का विश्वास व आशीर्वाद था और घर से जाने से पहले कह कर गया था कि मैं मेडल जीत कर लाऊंगा।
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