उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत परमहंस रामचंद्र दास जी महाराज की पुण्यतिथि पर जनपद अयोध्या के समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीरामलला तथा श्री हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन पूजन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महंत जी हमेशा सभी के प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि परमहंस रामचन्द्र दास जी महाराज ने श्रीराम जन्मभूमि में पूजा-अर्चना के लिए 1950 में जिला न्यायालय में मुकदमा दायर किया। जिला अदालत ने पूजा–पाठ करने की अनुमति दे दी। मुस्लिम पक्षकारों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की। उच्च न्यायालय ने जिला आदालत के फैसले को उचित ठहराया।
दिगम्बर अखाड़ा, अयोध्या में बैठक हुई जिसमें श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ। समिति की बैठक में तय किया गया कि श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए जन-जागरण किया जाएगा। परमहंस जी ने वर्ष 1985 के अक्टूबर माह में जनजागरण अभियान के लिए अयोध्या से 6 राम-जानकी रथों का पूजन कर विभिन्न क्षेत्रों में भेजा। परमहंस जी ने अयोध्या में घोषणा कर दी थी कि ‘अगर 8 मार्च 1989 तक श्रीराम जन्मभूमि का ताला नहीं खुला तो मैं आत्मदाह करूंगा।’ इसी बीच 1 फरवरी 1989 को श्रीराम मंदिर का ताला खोल दिया गया।
वर्ष 2002 के जनवरी माह में परमहंस रामचन्द्र दास जी ने अयोध्या से दिल्ली तक की चेतावनी सन्त यात्रा निकाली। सन्तों का नेतृत्व करते हुए 27 जनवरी 2002 को प्रधानमंत्री से मुलाकात की। परमहंस जी ने अंतिम क्षण तक यह प्रयास किया कि राम जन्म भूमि विवाद का कोई हल निकल आए।
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