असम में जापानी इंसेफेलाइटिस का खतरा बढ़ता जा रहा है। आठ नए मरीज मिले हैं। वहीं, एक मरीज ने दम तोड़ दिया है। नए मरीज मिलने के बाद मरीजों की संख्या बढ़कर 302 हो गई है और जापानी इंसेफेलाइटिस से अब तक 48 लोगों की मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार जापानी इंसेफेलाइटिस के आठ नए मामलों में बारपेटा में तीन, बक्सा, बोंगाईगांव, चराईदेव, मोरीगांव और उदलगुरी में एक-एक नए मरीज मिले हैं। इसके पहले शुक्रवार को सात मामले सामने आए थे और तीन मरीजों की मौत हुई थी। जापानी इंसेफेलाइटिस ने दक्षिण सलमारा दीमा हसाओ और कार्बी आंगलोंग को छोड़कर पूरे प्रदेश में दस्तक दे चुकी है। सबसे ज्यादा मामले
नागांव में 44 हैं। उसके बाद जोरहाट में 39 और गोलाघाट में 34 केस मिले हैं। हालांकि सरकार इस बीमारी को लेकर अलर्ट है। राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और 10 जिला अस्पतालों में इसके मरीजों की पहचान और इलाज की व्यवस्था की गई है।
क्या है जापानी इंसेफेलाइटिस
जापानी इंसेफेलाइटिस, एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संक्रमित मच्छरों द्वारा फैले वायरस के कारण होता है, जो कि एक गंभीर बीमारी है। जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस मच्छर से फैलने वाले वायरस के एक समूह में से एक है, जो मस्तिष्क की सूजन का कारण बन सकता है। भारत में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का प्रमुख कारण यह वायरस है।
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