समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रही है। ईडी ने गायत्री प्रजापति की बेनामी संपत्ति को जब्त कर लिया है। बताया जा रहा है कि लखनऊ के मोहनलालगंज में गायत्री प्रजापति ने इस भूखंड को अपने नौकर के नाम पर खरीदा था। गायत्री प्रजापति की 90 करोड़ रुपये की संपत्ति अब तक जब्त हो चुकी है। ये संपत्तियां मुंबई, अमेठी, सुल्तानपुर, लखनऊ, कानपुर में हैं।
वर्ष 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध खनन की विवेचना को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के कई ठिकानों पर छापा मारा था। इस कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय को गायत्री प्रजापति और उसके परिजनों के नाम करीब 44 से ज्यादा प्रॉपर्टी और जमीन से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए थे। आरोप है कि इन संपत्तियों को अवैध आय से अर्जित किया गया है। बरामद हुए कागजात में लखनऊ, कानपुर, सीतापुर, अमेठी में कई प्रॉपर्टी को अवैध आय से अर्जित किया गया था। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया था। सीतापुर और फैजाबाद जनपद में खरीदी गई प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे, जिसकी कीमत 578 लाख रुपये आंकी गई।
इसी प्रकार लखनऊ, कानपुर, अमेठी और मुंबई में अनिल प्रजापति के नाम से 11 प्रॉपर्टी के कागजात मिले थे। इसकी अनुमानित कीमत लगभग 754 लाख रुपये आंकी गई थी। लखनऊ और कानपुर में 5 प्रॉपर्टी के कागजात मिले, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 95 लाख रुपये आंकी गई थी। लखनऊ, अमेठी, मुंबई, रायबरेली और सुल्तानपुर जनपद में अनुराग प्रजापति के नाम से 8 प्रॉपर्टी के कागजात मिले, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 360 लाख रुपये थी। लखनऊ में बेनामी प्रॉपर्टी के 44 दस्तावेज मिले जिसकी, अनुमानित कीमत करीब 1715 लाख रुपये थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में एक महिला ने गायत्री प्रसाद प्रजापति पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। अवैध खनन मामले में सीबीआई जांच कर रही है। गायत्री प्रजापति की अवैध संपत्तियों की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है।
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