देश में भी मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ता जा रहा है। अब तक चार मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। लगातार संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं। दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और संदिग्ध मिरीज मिला है, जिसे LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि व्यक्ति की त्वचा पर चकत्ते और तेज बुखार जैसे वायरस के लक्षण हैं। मरीज का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। संदिग्ध मरीज विदेश यात्रा करके लौटा है। इसके अलावा बिहार में भी दो संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं।
मंकीपॉक्स के मरीज मिलने से लोगों में चिंता बढ़ गई है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों घबराने की जरूरत नहीं है। नीति आयोग के विशेषज्ञ डॉ. वीके पॉल का कहना है कि लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स, कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है। न ही यह कोरोना की तरह तेजी से फैलता है। फिर भी इसको लेकर सावधान रहने की जरूरत है।
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और इसके लक्षण महसूस होते ही चिकित्सीय सलाह लेकर खुद को एकांतवास में कर लेना चाहिए। इसका इलाज आसानी से हो सकता है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार इस संक्रमण को रोकने के लिए सभी उपाय कर रही है। इसमें लोगों का भी सहयोग जरूरी है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
डॉ. वीके पॉल ने बताया कि मंकीपॉक्स का संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। इसके प्रमुख लक्षणों में बार-बार तेज बुखार आना, पीठ और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर दानें और चकते पड़ना, खुजली, सुस्ती, गला खराब होना और बार-बार खांसी आना है।
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